नई दिल्ली। आजादी के बाद कई दशकों तक देश पर बखूबी राज करने वाली कांग्रेस पार्टी एक तरफ जहां वैसे ही सत्ता में वापसी के संघर्ष से जूझ रही है वहीं एक और मामले में अब उसकी काफी किरकिरी हो रही है। दरअसल पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू, कमला नेहरू, पीडी टंडन जैसे कई दिग्गज कांग्रेसी जिस शहर में कांग्रेस के अध्यक्ष रहे, आज उसी शहर के कांग्रेस कार्यालय पर बेदखली के बादल मंडरा रहे हैं। ऑफिस का किराया अदा न करना इसकी वजह बना है।
गौरतलब है कि इलाहाबाद के चौक में जवाहर स्क्वायर स्थित पार्टी कार्यालय के किराये के भुगतान के लिए अब कांग्रेसियों ने सीधे राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी से मांग की है। हालांकि कांग्रेसियों का कहना है कि अगर हाईकमान किराये का भुगतान नहीं करेगा तो वह लोग आपस में चंदा लगाकर कार्यालय का किराया जमा करेंगे। इस प्रकरण के सामने आने से पार्टी की खासी फजीहत हो रही है।
वर्ष 1938 में चौक में प्रथम तल पर लगभग तीन हजार स्क्वायर फीट में कांग्रेस शहर पार्टी का कार्यालय बनाया गया। देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू की पत्नी कमला नेहरू उस दौर में कांग्रेस की पहली शहर अध्यक्ष बनीं। उसके पश्चात पंडित जवाहर लाल नेहरू खुद शहर अध्यक्ष बने।
इनके अलावा पीडी टंडन, कैलाशनाथ काटजू, मुजफ्फर हसन, वीएन नाथ पांडेय राजनाथ कूपर जैसे नेता भी शहर अध्यक्ष रहे। पंडित जवाहर लाल नेहरू का जन्म मीरगंज में हुआ था, इसलिए शहर कार्यालय का नाम बाद में जवाहर स्क्वायर कर दिया गया। 1983 तक जवाहर स्क्वायर बीएसयू ट्रस्ट का हिस्सा था, इसलिए किरायेदारी को लेकर कोई समस्या नहीं आई।
1956 में तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने शहर पार्टी कार्यालय में पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ बैठक की थी। तत्कालीन राज्यसभा सदस्य व शहर अध्यक्ष मौलाना मोहम्मद मियां फारूकी ने यह बैठक यहां करवाई थी। शहर पार्टी कार्यालय में तमाम महत्वपूर्ण बैठकें हो चुकी हैं।