लखनऊ। यूपी बोर्ड ने आगामी 2019 की इंटर की परीक्षा को लेकर एक अहम बदलाव करते हुए तय किया है कि इंटर के 40 विषयों में दो की जगह एक प्रश्नपत्र होगा। दरअसल यूपी बोर्ड ने यह निर्णय देश के अन्य बोर्ड जैसे केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा परिषद (सीबीएसई), काउंसिल फॉर द इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशन (सीआईएससीई) आदि से एकरूपता बनाए रखने और राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) का पैटर्न लागू करने के कारण लिया है।
गौरतलब है कि अपने इसी परिवर्तन के तहत इंटर की परीक्षा में शामिल होने वाले छात्र-छात्राओं की सहूलियत के लिए बोर्ड इन विषयों के मॉडल प्रश्नपत्र अपनी वेबसाइट पर अपलोड कर रहा है। अब तक हिन्दी, अंग्रेजी, गणित, भौतिक, रसायन, जीव विज्ञान, इतिहास, भूगोल समेत 24 विषयों के पेपर अपलोड हो चुके हैं। अन्य बोर्ड से एकरूपता लाने के मकसद से ही दो साल पहले 11वीं और 12वीं का कोर्स अलग-अलग किया गया था।
ज्ञात हो कि बोर्ड इंटर में 105 विषयों की लिखित परीक्षा कराता है। इनमें 41 ट्रेड्स विषय भी सम्मिलित हैं। कुछ 11वीं के कृषि के पेपर की परीक्षा भी बोर्ड कराता है। प्रश्नपत्रों की संख्या कम होने से 10वीं-12वीं की बोर्ड परीक्षा कम समय में संपन्न कराने में मदद मिलेगी। 2019 की बोर्ड परीक्षा 15 से 17 दिन में कराने की तैयारी है।
बताया जाता है कि इंटर के 40 विषयों में दो की जगह एक पेपर होने से बोर्ड परीक्षा के दौरान गलत पेपर खुलने की घटना भी कम होने की उम्मीद है। अक्सर होता है कि किसी विषय के प्रथम प्रश्नपत्र की जगह द्वितीय प्रश्नपत्र खुल जाता है। विषय का नाम एक होने के कारण यह चूक होना आम है। इससे बोर्ड को दोबारा परीक्षा करानी पड़ती है। इससे इन घटनाओं को कम करने में मदद मिलेगी।
इसके साथ ही इस बाबत जानकारी देते हुए यूपी बोर्ड की सचिव नीना श्रीवास्तव ने बताया कि एनसीईआरटी पैटर्न लागू करने और अन्य बोर्ड से एकरूपता लाने के लिए ही इंटर के 40 विषयों में दो की जगह एक पेपर किए गए हैं। छात्र-छात्राओं की सुविधा के लिए मॉडल प्रश्नपत्र वेबसाइट पर अपलोड किए जा रहे हैं।