नई दिल्ली। एनआरसी के चलते गृहयुद्ध की बात कर एक पल को सबके निशाने पर आईं बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी हाल-फिलहाल पूर्वोत्तर समेत बंगाल में भाजपा के बढ़ते हुए वर्चस्व से बौखलाई हुई हैं इसीलिए वो न सिर्फ तमाम दलों के नेताओं को भाजपा के खिलाफ एकजुट करने की कवायद में जी जान से जुटी हुई हैं।
गौरतलब है कि इसी क्रम में आज शाम उन्होंने दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और यूपीए की चेयरपर्सन सोनिया गांधी से मुलाकात की। मुलाकात के बाद उन्होंने कहा कि 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव में सभी विपक्षी पार्टियां भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को हराने के लिए एकजुट होंगी।
वहीं इस बैठक के बाद टीएमसी की अध्यक्ष ममता बनर्जी ने कहा कि हमने वर्तमान राजनीति और भविष्य में हम सबके साथ में चुनाव लड़ने की संभावना पर चर्चा की। इसके अलावा हमने नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजंस (एनआरसी) के मुद्दे पर भी बातचीत की। उन्होंने कहा कि अगामी लोकसभा चुनाव में भाजपा को हराने के लिए सभी विपक्षी पार्टियां एकजुट होकर चुनाव लड़ेंगी और सबका एक ही नेतृत्व होगा।
इसके साथ ही ममता ने असम में सत्ताधारी सरकार की ओर से लाए गए एनआरसी को लेकर भी भाजपा पर हमला बोला। यहां 40 लाख लोगों को इस लिस्ट से बाहर करने की सूचना है। इससे पहले ममता बनर्जी ने कहा कहा था कि सरकार के इस कदम से देश में गृहयुद्ध छिड़ सकता है। एनआरसी के दूसरे और आखिरी ड्राफ्ट के आने के बाद करीब 40 लाख लोग अवैध पाए गए हैं।
ज्ञात हो कि एनआरसी की सूची में 40 लाख लोगों के नाम शामिल न होने से संसद और सड़कों पर हंगामा मचा हुआ है। विपक्ष का कहना है कि इस मुद्दे पर केंद्र सरकार राजनीतिक फायदे देख रही है। ममता बनर्जी ने तो यहां तक कह दिया कि सरकार के इस कदम से देश में गृहयुद्ध छिड़ सकता है। जबकि सरकार ने पलटवार करते हुए कहा है कि विपक्ष को देश की नहीं बल्कि घुसपैठियों की चिंता है। आपको बता दें कि एनआरसी को लाने का उद्देश्य अवैध रूप से भारत में रह रहे बांग्लादेशी और म्यामार शर्णार्थियों को बाहर निकालना है।