शिवसेना प्रमुख ने अपनी पार्टी के मुखपत्र सामना में मोदी सरकार पर हमला बोला था. मोदी सरकार ने दलितों के खिलाफ अत्याचारों पर कानून के मूल प्रावधानों को बरकरार रखने के लिए एक विधेयक को मंजूरी दी है. पासवान ने ठाकरे के बयानों की प्रतिक्रिया में कहा, ‘इस तरह के बयान से दलित-विरोधी, आदिवासी विरोधी और पिछड़ा विरोधी मानसिकता प्रतिबिंबित होती है. मुझे शिवसेना के ट्रैक रिकॉर्ड के बारे में ज्यादा कुछ कहने की जरूरत नहीं है.

उन्होंने कहा, आम्बेडकर ने संविधान लिखा लेकिन उनके (ठाकरे) जैसे नेताओं ने इसे नहीं पढ़ा है. उन्होंने कहा कि विधेयक ऐतिहासिक है और उन लोगों के चेहरे पर एक थप्पड़ है जो मोदी सरकार पर दलित-विरोधी होने का आरोप लगा रहे थे.