Monday , April 22 2024
Breaking News

फिर एक गंभीर मामले में पुलिस की अनदेखी सामने आई, दुष्कर्म पीड़िता मजबूरन दोबारा इस हद तक आई

Share this

लखनऊ। बेटी बचाओ और बेटी पढ़ाओ जैसे अभियान और महिला सुरक्षा जैसे वादे करने वाली प्रदेश की योगी सरकार की तमाम कवायदें महज ढाक के तीन पात ही साबित हो कर रह गई हैं। क्योंकि न तो प्रदेश में बेटियों के साथ दरिंदगी और हैवानियत ही रूक पा रही है और न ही ऐसे मामलों की पीड़िताओं की तब तक बखूबी सुनवाई हो रही है जब तक वो आत्मदाह जैसी हद तक न पहुच जायें या फिर जान ही गंवा बैठें। ऐसा ही एक मामला अब जनपद मेरठ में उस वक्त सामने आया जब एक सामूहिक दुष्कर्म की शिकार पीड़िता ने सुनवाई न होने के चलते थाने में ही जान देने की कोशिश की। हद ये है कि ऐसी कोशिश उसे दूसरी बार करनी पड़ी है।

मिली जानकारी के मुताबिक प्रदेश के जनपद मेरठ में सोमवार को एक सामूहिक दुष्कर्म पीड़िता ने महिला थाने पहुंचकर आत्महत्या का प्रयास किया। महिला का आरोप है कि पुलिस मामले की सुनवाई नहीं कर रही है। इस दौरान पीड़िता ने अपने हाथ की नस काटकर आत्महत्या करने का प्रयास किया। वहीं महिला पुलिसकर्मियों ने महिला को अस्पताल में भर्ती कराया। बताया जाता है कि इससे पहले भी यह महिला एसएसपी ऑफिस पर पहुंचकर खुद के ऊपर केरोसिन उंडेलकर आत्मदाह की कोशिश कर चुकी है। जिस पर एसएसपी अखिलेश कुमार ने पीड़िता को कार्रवाई का पूरा आश्वासन दिया है। लेकिन सोमवार को महिला थाना पहुंचकर पीड़िता ने पुलिस द्वारा मामले में कार्रवाई न करने को लेकर नाराजगी जताते हुए धारदार वस्तु से अपने हाथ की नस काट ली।

अचानक इस तरह थाने में हुई घटना से थाने में अफरा-तफरी मच गई। आनन-फानन में महिला को अस्पताल ले जाया गया। वहीं  एसएसपी का कहना है कि थाना इंचार्ज को जांच के आदेश दे दिए गए हैं, मामले में जल्द ही कार्रवाई शुरू हो जाएगी। भावनपुर थाना क्षेत्र की निवासी महिला का आरोप है कि करीब एक महीने पहले एक युवक प्लॉट दिखाने के बहाने उसको सुनसान जगह पर ले गया। वहां उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया। पुलिस से शिकायत करने पर जान से मारने की धमकी दी गई। इस घटना के बाद से वह रिपोर्ट दर्ज कराने को लेकर एसएसपी दफ्तर के चक्कर लगा रही है।

ज्ञात हो कि पीड़ित महिला ने पुलिस पर कोई भी कार्रवाई न करने का आरोप लगाया है। इसके साथ ही उसने भावनपुर थाना की फोर्स पर अभद्र भाषा का प्रयोग करने का आरोप लगाया है। कुल मिला कर लगातार सामने आते ऐसे मामले कहीं न कहीं उस कड़वी हकीकत को बयान करते हैं कि काफी हद तक आज भी पुलिस द्वारा ऐसे मामलों में ढुलमुल् रवैया अपनाया जा रहा है। जिसके चलते कितनी ही बार प्रदेश की राजधानी लखनऊ के विधानभावन और मुख्यमंत्री आवास के पास पीड़िता और उसके परिवार द्वारा आत्मदाह के प्रयास किये गए हैं।

Share this
Translate »