लखनऊ। पश्चिमी संस्कृति के अंध अनुसरण के चलते देश में भी लगातार जारी परिवारों के टूटने से आहत संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि हिन्दू संस्कार ही बचा सकते हैं टूटते परिवार। दरअसल संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कानपुर प्रवास के तीसरे दिन परिवारों के बिखराव पर चिंता जताई।
जबकि इससे पहले संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कानपुर प्रवास पर बुधवार को प्रदेश के चारों प्रांत अवध, काशी, गोरक्ष और कानपुर से जुड़े सभी जिलों के कार्यों का लेखा-जोखा लिया था। सरसंघचालक मोहन भागवत ने कहा कि समाज के दुर्बल और उपेक्षित वर्ग को शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वावलंबन, सामाजिक समरसता के माध्यम से खड़ा करने की आवश्यकता है। संघ संस्थापक डॉ. हेडगेवार ने संघ के प्रारंभ से ही सेवा कार्यों को शुरू किया था।
संघ प्रमुख ने जिला संघचालक एवं विभाग संघ चालकों से सेवा कार्य में सक्रिय होने का विशेष आग्रह किया। प्रांत पदाधिकारियों की तरफ से बताया गया कि वर्तमान समय में पूर्वी उत्तर प्रदेश क्षेत्र में लगभग 825 सेवा कार्य संचालित हो रहे हैं जिसमें शिक्षा की दृष्टि से बाल संस्कार केंद्र, निशुल्क कोचिंग क्लासेस, स्वावलंबन की दृष्टि से सिलाई-कढ़ाई केन्द्र संचालित किए जा रहे हैं।