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70वां गणतंत्र दिवस: राजपथ पर सेनाओं ने दमखम दिखाया, झांकियों ने महात्मा गांधी के विभिन्न रूपों को दर्शाया

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नई दिल्ली। देश ने आज 70वां गणतंत्र दिवस बड़ी ही धूमधाम से मनाया। हमेशा की तरह एक बार फिर राजपथ पर परेड के दौरान देश ने पूरी दुनिया को अपनी ताकत का बखूबी ऐहसास कराया। इसके साथ ही कई राज्यों की झांकियों में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का जीवन दर्शन नजर आया। इस साल गणतंत्र दिवस की थीम महात्मा गांधी की 150वीं जयंती से जुड़ी थी और कई राज्यों की झांकियां राष्ट्रपिता पर केन्द्रित रहीं। इसके साथ ही भारतीय सेना ने जोरदार शक्ति प्रदर्शन किया जबकि वायुसेना ने हवा में अपने करतब दिखाकर लोगों को दांतों तले अंगुली दबाने पर मजबूर कर दिया। इस जश्न में रामफोसा की मौजूदगी इस लिहाज से भी महत्वपूर्ण रही क्योंकि गांधी ने दक्षिण अफ्रीका में 21 साल बिताए थे और यहीं से उन्हें शांति की राह पर आगे बढ़ने की प्ररेणा मिली थी।

गौरतलब है कि आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गणतंत्र दिवस के मौके पर रंग-बिरंगा साफा पहनने के अपने अंदाज को बरकरार रखते हुए शनिवार को केसरिया रंग के खूबसूरत साफे में नजर आए। सबसे पहले जहां प्रधानमंत्री ने अमर जवान ज्योति जाकर शहीदों को श्रद्धांजलि देने के साथ ही राजपथ पर पूर्व पीएम डॉक्टर मनमोहन सिंह का सम्मान किया। वहीं राजपथ पहुंचे रामनाथ कोविंद ने शांतिकाल में अदम्य साहस और वीरता दिखाने वाले जवानों को अशोक चक्र प्रदान किया। लांस नायक नजीर अहमद वानी की पत्नी और मां मेहजबीन राष्ट्रपति के हाथों से अशोक चक्र प्राप्त किया।  वानी को मरणपरांत यह सम्मान मिला है। वह पिछले साल दो आतंकियों को ढेर करने के बाद शहीद हुए थे।

इस बार जहां गणतंत्र दिवस परेड के लिए 22 झांकियों को चुना गया। वहीं सबसे खास बात यह है कि 11 साल बाद केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल की झांकी को शामिल किया गया। साथ ही परेड के दौरान इस साल भारतीय सेना के बेडे में शामिल की गई नई तोप के-9 वज्र भी देशवासियों को देखने को मिली । इस तोप की खासियत है कि इसकी मारक क्षमता 38 किलोमीटर के दायरे की है। यह रेतीले और अर्ध रेगिस्तानी इलाकों के युद्ध में कारगर है। एम-777 ह्वाइत्जर तोप 30 किलोमीटर के दायरे में लक्ष्य को भेद सकती है। यह समतल और पहाड़ी दोनों इलाकों के लिए कारगर है।

दिल्ली की झांकी में बिरला हाउस में प्रार्थना करते गांधी को दिखाया गया। उत्तर प्रदेश की झांकी में गांधीजी की 150वीं जयंती को दिखाया गया साथ ही काशी के घाट भी नजर आए। पश्चिम बंगाल की झांकी में रबिंद्रनाथ टैगोर के साथ गांधी नजर आए। गुजरात की झांकी में ऐतिहासिक दांडी यात्रा और सविनय अवज्ञा आंदोलन को दर्शाया गया। कर्नाटक की झांकी में कांग्रेस के बेलगावी सत्र को दिखाया गया। यह कांग्रेस अध्यक्ष के तौर पर गांधीजी का एकमात्र अधिवेशन था। अंडमान निकोबार की झांकी में सेल्युलर जेल को दिखाया गया था जिसमें जेल में बंद कैदियों को गांदी जी संबोधित कर रहे हैं।

रेल मंत्रालय की झांकी में भाप के इंजन को दिखाया गया। साथ ही गांधीजी के साथ दक्षिण अफ्रीका में हुए भेदभाव को दिखाया गया। रेलवे की झांकी में एक वकील मोहनदास करमचंद गांधी के महात्मा गांधी बनने तक के सफर को दिखाया गया। पहले डिब्बे में युवा मोहनदास को दक्षिण अफ्रीका में पीटरमैरिट्सबर्ग रेलवे स्टेशन पर केवल यूरोप के लोगों के लिए आरक्षित डिब्बे से नीचे फेंकते हुए दिखाया गया। इसके बाद वाले डिब्बे पर गांधी जी और उनकी पत्नी कस्तूरबा गांधी को लोगों से मिलते दिखाया गया।

इसके बाद महात्मा गांधी को हरिजन कोष एकत्र करते दिखाया गया। इस झांकी को भीड़ ने बेहद सराहा और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने खड़े होकर ताली भी बजाई। कृषि मंत्रालय की झांकी में गांधीजी को खेती करते हुए दिखाया गया है। इसमें श्वेत क्रांति का चित्रण था। केंद्रीय लोक निर्माण विभाग की झांकी में फूलों से गांधी की 150वीं जयंती को दिखाया गया है। समारोह में गृह मंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज सहित मोदी सरकार के अधिकतर मंत्रियों ने और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और एचडी देवेगौड़ा, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, वरिष्ठ कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सहित देश के कई शीर्ष राजनेता मौजूद रहे।

सुभाष चंद्र बोस की इंडियन नेशनल आर्मी ने पहली बार गणतंत्र दिवस की परेड में हिस्सा लिया। इंडियन नेशनल आर्मी (आईएनए) के चार दिग्गज परमानंद, ललित राम, हीरा सिंह और भगमल ने भी पहली बार परेड में हिस्सा लिया जिनकी आयु 90 वर्ष से अधिक है। भारतीय सेना के चारआर्टिलरी गन सिस्टम एम 777 अमेरिकन अल्ट्रा लाइट हॉवित्जर ने भी लोगों को अपनी ओर आकर्षित किया। हॉवित्जर तोप 30 किलोमीटर के दायरे में लक्ष्य को भेद सकती है। यह समतल और पहाड़ी दोनों इलाकों के लिए कारगर है। राजपथ पर टी-90 टैंक ने राष्ट्रपति को सलामी दी। इस समय यह भारत की सबसे बड़ी ताकत है।

भारतीय वायु सेना के दल में 144 वायु योद्धा शामिल थे। वहीं लाइटकॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एलसीए), लो-लेवल लाइट वेट रडार (एलएलडब्ल्यूआर), सुखोई -30एमकेआई और आकाश मिसाइल सिस्टम यहां प्रदर्शित किए गए। भारीतय सेना के टी-90 टैंक, बॉलवे मशीन पीकेट (बीएमपी-II/II के), सर्फेज माइन क्लियरिंग सिस्टम, 115 मिमी/52 कैलिबर ट्रैकड सेल्फ प्रोपेल्ड गन (के-9 वज्र), ट्रांसपोर्टेबल सैटेलाइट टर्मिनल, ट्रूप लेवल रडार एंड आकाश वेपन सिस्टन का भी परेड में प्रदर्शन किया गया।

परेड में सिख लाइट इन्फैंट्री, जम्मू और कश्मीर लाइट इन्फैंट्री, गोरखा ब्रिगेड, सेना सेवा कोर, सेना आपूर्ति कोर (उत्तर), प्रादेशिक सेना बटालियन की पैदल सेना ने हिस्सा लिया। भारतीय नौसेना का ब्रास बैंड, पैदल सेना और झांकी और वायु सेना का बैंड और पैदल सेना भी यहां पहुंची थी। पैरा-मिलिट्री और अन्य सहायक बलों ने राष्ट्रीय कैडेट कोर और राष्ट्रीय सेवा योजना के साथ परेड में भाग लिया। प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार जीतने वाले 26 बच्चे भी जीप में सवार होकर राजपथ पहुंचे। परेड के अंत में स्कूली बच्चों ने भी रंगारंग प्रस्तुति दी।

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