नई दिल्ली। देश में हाल के कुछ दिनों से सेक्यूलरिज्म के नाम पर रोज ही कोई नया बखेड़ा खड़ा हो रहा है कभी किसी को देश मे रहने से डर लगता है तो कोई इसके नाम पर अपना अवार्ड वापस करने लग जाता है। वहीं इस क्रम में अब केरल में बेहद ही अफसोसनाक मामला सामने आया है कि एक शिक्षण संस्थान में छात्रों को कॉलेज प्रबंधन अपने सेक्यूलर होने का हवाला देते हुए मां सरस्वती की पूजा करने से रोकने पर आमादा है।
गौरतलब है कि केरल के अलप्पुजा जिले के कोचिन यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग में उत्तर छात्रों की तरफ से सरस्वती पूजा आयोजन पर अधिकारियों ने रोक लगा दी। यूनिवर्सिटी ने इसके लिए सेक्युलर होने का हवाला दिया है। दरअसल एक फरवरी को ज्वाइंट रजिस्ट्रार ऑफ कोचिन यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नॉलोजी (क्यूसैट) की तरफ से जारी किया गया है।
जिसमें साफ तौर पर में यह कहा गया- “यह सूचित किया जाता है कि छात्रों की तरफ से सरस्वती पूजा के आयोजन करने के अनुरोध को वाइस चांसलर ने खारिज कर दिया है क्योंकि हमारा कैंपस सेक्युलर (धर्मनिरपेक्ष) है और कैम्पस के अंदर किसी तरह के धार्मिक आयोजन और गतिविधियों की इजाजत नहीं दी जा सकती है।”
ज्ञात हो कि क्यूसैट से मान्यता प्राप्त यह कॉलेज पिछले साल 25 जनवरी को छात्रों के दो गुटों में हिंसक झड़क के पास अनिश्चित काल के लिए बंद रहा था। ऐसा आरोप था कि एक कार्यक्रम के दौरान कैंपस में बीफ कटलेट्स बांटे गए थे। छात्रों ने यह आरोप लगाया था कि बीफ की घटना विरोध के बावजूद 22 जनवरी को कैम्पस में सरस्वती पूजा के आयोजन चलते बदले के तौर पर थी।
इतना ही नही बल्कि छात्रों के एक समूह जिनमें ज्यादातर उत्तर भारत के थे, उन्होंने ये आरोप लगाया कि उन्होंने अपने आपको वेजिटेरियन बताया था उसके बाद 25 जनवरी को अलप्पुजा के पास कॉलेज कैम्पस में सेमिनार से इतर उन्हें बीफ खाने के लिए दिया गया था।