नई दिल्ली। देश की सर्वोच्च अदालत ने शारदा चिटफंड घोटाला मामले में आज बेहद ही अहम टिप्पणी की है। दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने शारदा चिटफंड घोटाला मामले में कोलकाता के पूर्व पुलिस आयुक्त राजीव कुमार से हाल ही में हुयी पूछताछ से संबंधित प्रगति रिपोर्ट में सीबीआई द्वारा किये गये खुलासे को मंगलवार को ‘‘बहुत ही गंभीर’’ करार दिया।
गौरतलब है कि प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता
और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की पीठ ने कहा कि यदि कुछ ‘‘बहुत ही गंभीर तथ्यों’’ की
जानकारी उसे दी गयी है तो वह इसके प्रति अपनी आंखे नहीं मूंद सकती है।
इतना ही नही बल्कि पीठ ने इसके साथ ही जांच ब्यूरो को निर्देश दिया कि राजीव कुमार
के खिलाफ उचित राहत के लिये वह आवेदन दायर करे। पीठ ने जांच ब्यूरो को इस संबंध में
आवेदन दायर करने के लिये दस दिन का वक्त दिया और कहा कि कुमार तथा अन्य लोग इसके बाद
सात दिन के भीतर अपना जवाब दाखिल कर सकते हैं। पहले राजीव कुमार ही इस चिटफंड घोटाले की
जांच करने वाले विशेष जांच दल के मुखिया थे।
ज्ञात हो कि सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि चूंकि केंद्रीय जांच ब्यूरो की रिपोर्ट सील बंद
लिफाफे में दायर की गयी है, इसलिए वह दूसरे पक्ष को सुने बगैर इस समय कोई आदेश पारित
नहीं कर सकती। सुप्रीम कोर्ट सारदा चिटफंड घोटाले की जांच में सहयोग नहीं करने
और कथित रूप से सबूत नष्ट करने के मामले में पश्चिम बंगाल के पुलिस महानिदेशक और कोलकाता
के तत्कालीन पुलिस आयुक्त सहित कई वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ सीबीआई की अवमानना अर्जी
पर सुनवाई कर रही थी।