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SC का पेंशन को लेकर बेहद अहम फैसला, प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारियों को बड़ा फायदा मिला

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नई दिल्ली। काफी लम्बे समय से रिटायरमेंट के बाद पेंशन की चिंता से जूझते निजी सेक्टर में काम करने वाले कर्मचारियों को लेकर देश की सर्वोच्च अदालत ने एक बेहद ही राहत भरा फैसला दिया है। दरअसल यह खबर प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले करोड़ों कर्मचारियों के लिए यह खबर ना सिर्फ सुख देने वाली है बल्कि रिटायरमेंट के बाद पेंशन की चिंता दूर करने वाली भी है।

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार अपने एक बड़े फैसले में कर्मचारी भविष्य निधि संगठन की अपील को ठुकराते हुए कर्मचारियों के पक्ष में फैसला सुनाया है। इसके बाद अब प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारियों को मिलने वाली पेंशन कई गुना तक बढ़ जाएगी।

खबरों के अनुसार ईपीएफओ ने केरल हाईकोर्ट के उस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी जिसमें कर्मचारियों की पेंशन तय करते वक्त उनकी अंतिम सैलरी को मानक मानने के लिए कहा गया था। इससे पहले तक ईपीएफओ एक निधार्रित सीमा में ही कर्मचारियों को पेंशन देता है।

जिसके तहत ईपीएफओ ने एक मानक सीमा 15,000 तय कर रखी थी फिर भले ही रिटायरमेंट के वक्त कर्मचारी की तनख्वाह कितनी भी हो।इससे पहले केरल हाईकोर्ट ने अपने एक आदेश में भविष्‍य निधि संगठन को कहा था कि रिटायर होने वाले कर्मचारियों को उनकी अंतिम सैलरी के आधार पर पेंशन मिलनी चाहिए।

जैसा कि फिलहाल बताया जा रहा है उसके हिसाब से अब पेंशन की गणना (कर्मचारी के द्वारा की गई नौकरी में बिताए गए कुल वर्ष+2)/70xअंतिम सैलरी के आधार पर होगी। इस तरह यदि किसी कर्मचारी की सैलरी 50 हजार रुपये महीना है, तो उसे हर नए नियम के बाद करीब 25 हजार रुपये पेंशन के रूप में मिलेंगे।

ज्ञात हो कि साल 2014 में ईपीएफओ द्वारा किए गए संशोधन के बाद निजी क्षेत्र के कर्मचारियों की पेंशन की गणना 6400 के स्‍थान पर 15000 के आधार पर करने को मंजूरी दी गई थी। हालांकि इसमें भी यह पेंच फंसा दिया गया था कि पेंशन की गणना कर्मचारी की पिछले पांच साल की औसत सैलरी के आधार पर होगी। इससे पहले यह गणना रिटायरमेंट से पहले के एक साल के आधार पर की जाती थी।

वहीं पहले यह मामला केरल हाईकोर्ट में पहुंचा। यहां केरल हाईकोर्ट ने अपने फैसले में संशोधन कर पेंशन की गणना का आधार रिटायरमेंट से पहले के एक साल को बना दिया और पांच साल वाली बाध्‍यता को समाप्‍त कर दिया गया। इसके बाद यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा, जहां साल 2016 में कोर्ट ने पूरी सैलरी के आधार पर पेंशन देने का आदेश सुनाया।

जिस पर कुछ समय पहले ईपीएफओ ने केरल हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया। जहां आज सोमवार को ईपीएफओ की याचिका खारिज करते हुए प्राइवेज कर्मचारियों को कई गुना बढ़ी हुई पेंशन मिलने का रास्‍ता साफ कर दिया है। एक तरह से ये फैसला प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले करोड़ों कर्मचारियों के लिए रिटायरमेंट के बाद पेंशन की चिंता दूर करने वाला है।

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