नई दिल्ली. दुनिया भर में कोरोना वायरस संक्रमण के नए मामले शनिवार को भी काफी तेजी से बढ़े है. दुनिया में 23 लाख 30 हजार सात सौ से ऊपर मामले सामने आ चुके हैं. इसके बावजूद यह संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. वहीं अब तक 1 लाख 60 हजार 747 लोग अब तक इस संक्रमण का शिकार बन चुके हैं.
दुनिया में 23 लाख से ज्यादा लोग कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं जिसमें आधे से ज्यादा लोग यूरोप से हैं. कोरोना महामारी से यूरोप में 1 लाख से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं. फ्रांस में पिछले 24 घंटों में कोरोना वायरस संक्रमण से 642 और मरीजों की मौत हो गई. जबकि स्पेन में मौत का आंकड़ा 20043 हो गया है. स्पेन के प्रधानमंत्री पेड्रो सांचेज ने देश में लॉकडाउन की अवधि को 9 मई तक बढ़ा दिया है. इटली में भी मौत के आंकड़ों में लगातार इज़ाफ़ा हो रहा है. इटली में 23227 लोगों की मौत हो चुकी है. दुनिया में मौत के मामले में इटली दूसरे नंबर पर है. पहले नंबर पर अमेरिका है जहां 39015 मौतें हो चुकी हैं.
वहीं अमेरिका में पिछले 24 घंटों में 1891 लोगों की मौत हो गई है. न्यूयॉर्क में शनिवार को संक्रमण से मरने वाले आंकड़ों में पहली बार कमी दर्ज की गई. शनिवार को 550 से कम मौतें हुईं.
जबकि ब्रिटेन में कोरोना से मरने वालों का आंकड़ा 15464 पहुंच चुका है. हालांकि ब्रिटेन के लिए राहत की बात ये मानी जा रही है कि कोरोना संक्रमण के नए मामलों में गंभीर रूप से बीमार मरीजों की तादाद में कमी आ रही है. सीएनएन में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक ब्रिटेन के अस्पतालों में कोरोना से गंभीर रूप से बीमार लोगों की तादाद में कमी आई है.
फ्रांस के नोबेल पुरस्कार से सम्मानित वैज्ञानिक ने दावा किया है कि कोरोनावायरस लैब से बाहर आया है. वैज्ञानिक ल्यूक मॉन्टैग्नियर ने कहा कि SARS-CoV-2 वायरस एक लैब से उत्पन्न हुआ है और यह वायरस एड्स वायरस के खिलाफ वैक्सीन के निर्माण के दौरान तैयार हुआ. फ्रांस के एक न्यूज़ चैनल से इंटरव्यू के दौरान वैज्ञानिक ने ये चौंकाने वाला खुलासा किया है.
चीन पर लगातार कोरोनावायरस के फैलाने के आरोप लग रहे हैं तो साथ ही ये भी आरोप लगाए जा रहे हैं कि चीन में वुहान की वायरोलॉजी लैब में ही कोरोनावायरस तैयार किया गया. लेकिन चीन लगातार ही ऐसे आरोपों का खंडन कर रहा है.
द गार्डियन के मुताबिक ब्रिटेन में लंबे समय तक लॉकडाउन चला तो 70 लाख लोगों की नौकरियां जा सकती हैं. यूके की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान देने वाली आधे से ज्यादा कंपनियों में लोगों की नौकरी पर तलवार लटक रही है. इंस्टीट्यूट फॉर सोशल एंड इकॉनॉमिक रिसर्च ने ये अनुमान जताया है कि कई महीने लॉकडाउन चलने का असर तकरीबन 70 लाख लोगों की नौकरी पर पड़ेगा. कोरोनावायरस के कहर से जूझ रहे ब्रिटेन में अब तक 15 हज़ार से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं. 23 मार्च को ब्रिटेने के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने लॉकडाउन का ऐलान किया था. लेकिन अब ये लॉकडाउन 3 और सप्ताह के लिए बढ़ा दिया है गया है.