लुधियाना. कोरोना के इस वैश्विक महामारी के काल में कई ऐसी शर्मनाक घटनाएं हो रही हैं, जो इंसानियत को बेहद शर्मसार कर रही हैं. ताजा घटना कोरोना वायरस से जूझते हुए दम तोडऩे वाले लुधियाना के एसीपी अनिल कोहली के परिजनों को लेकर है. अनिल कोहली को पंजाब सरकार ने शहीद का दर्जा दिया है, लेकिन बेहद शर्मनाक है कि उनके परिजनों का एक तरह से सामाजिक बहिष्कार किया जा रहा है.
राजकीय सम्मान के साथ हुए कोहली के संस्कार के बाद उनका भांजा लुधियाना के हैबोवाल इलाके स्थित अपने घर लौटा तो उसे गली में नहीं घुसने दिया गया. पुलिस के हस्तक्षेप के बाद विरोध कर रहे लोग पीछे हटे तो किसी तरह वह घर में प्रवेश कर पाया.
एसीपी अनिल कोहली के भांजे के मुताबिक, लोग हमसे अफसोस करने की बजाय हमें कोरोना वाले कहकर चिढ़ा रहे हैं और हमारा बहिष्कार कर रहे हैं. हमारे घर की फोटो खींचकर सोशल मीडिया पर नफरत की भावना के साथ डाली जा रही है. सोमवार 20 अप्रैल को कूड़ा उठाने वाले सफाईकर्मी ने यह कहकर कूड़ा उठाने से दो टूक इनकार कर दिया कि अधिकारियों ने हमारे घर के आगे सफाई करने और कूड़ा उठाने से मना किया है. मैंने पार्षद ऋचा अग्रवाल को संदेश भेजे तो उन्होंने मुझे ब्लॉक कर दिया. क्या हमारा गुनाह यह है कि हम कोरोना वायरस से लड़ते हुए शहीद होने वाले पुलिस अधिकारी के करीबी रिश्तेदार हैं?
उन्होंने आगे कहा, खुद सोचिए, हमारे साथ ऐसा सुलूक हो रहा है तो बाकी पीडि़तों के साथ क्या हो रहा होगा. गौरतलब है कि इस अतिअमानवीय सामाजिक बहिष्कार से एसीपी अनिल कोहली की बहन भी अवसादग्रस्त हो गई हैं. वह बार-बार दोहराती हैं कि, हमें कोरोना वायरस फैमिली कहकर दुत्कारा जा रहा है. मेरे भाई को शहादत का यह सिला दिया जा रहा है. हमारे साथ किया जा रहे इस बर्ताव को कोई गंभीरता से नहीं ले रहा. हमारी कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही है. तत्काल इलाका छोड़कर कहीं और भी नहीं जा सकते.
हालांकि लुधियाना के पुलिस कमिश्नर राकेश अग्रवाल कहते हैं, यह बेहद चिंताजनक है.
एसीपी अनिल कोहली ने समाज के लिए अपनी जान कुर्बान की है. एसीपी के भांजे और बहन की रिपोर्ट नेगेटिव आई है. मैं पुलिस ऑफिसर की ड्यूटी लगा रहा हूं, ताकि उनके परिजनों को कोई दिक्कत न आए. उनका इस तरह सामाजिक बहिष्कार करने और दुर्व्यवहार करने वालों से सख्ती से निपटा जाएगा, जबकि लुधियाना के मेयर बलकार सिंह सिद्धू के मुताबिक एसीपी कोहली की बहन के घर के आगे सफाई न करना और कूड़ा उठाने से इंकार करना एक गंभीर मामला है. दोषी सफाईकर्मी का पता लगाकर उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.