नई दिल्ली. देश के बैंकों ने तकनीकी तौर पर 50 बड़े विलफुल डिफाल्टर्स के 68,607 करोड़ रुपए के कर्ज की बड़ी राशि को बट्टा खाते में डाल दिया है. इस बात का खुलासा एक आरटीआई से जरिए हुआ है. आरबीआई के इस कदम से अब मोदी सरकार पर सवाल उठ रहे हैं. विपक्ष की ओर से भी मोदी सरकार को घेरने की कोशिश की गई. मंगलवार को कांग्रेस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पूरे मामले को जनधन गबन बताया है. वहीं कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी ट्वीट कर मोदी सरकार पर निशाना साधा है.
पीएम ने भाजपा के मित्रों के नाम बैंक चोरों की लिस्ट में डाले हैं
राहुल गांधी ने सदन में पूछे गए सवाल का वीडियो ट्वीट किया है, जिसमें वो वित्त मंत्री से बैंक डिफॉल्टर के नाम का ऐलान करने की मांग कर रहे हैं. इस पर राहुल गांधी ने लिखा है कि संसद में मैंने एक सीधा सा प्रश्न पूछा था- मुझे देश के 50 सबसे बड़े बैंक चोरों के नाम बताइए. वित्तमंत्री ने जवाब देने से मना कर दिया. अब पीएम ने नीरव मोदी, मेहुल चोकसी सहित भाजपा के मित्रों के नाम बैंक चोरों की लिस्ट में डाले हैं. इसीलिए संसद में इस सच को छुपाया गया. वित्तमंत्री ने जवाब देने से मना कर दिया.
वहीं कांग्रेस ने आरोप लगाया कि कोरोना वायरस महामारी के समय नरेंद्र मोदी सरकार की जनधन गबन योजना का पर्दाफाश हुआ है. पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस मामले पर देश को जवाब देना चाहिए. उन्होंने वीडियो लिंक के माध्यम से संवाददाताओं से बातचीत में आरोप लगाया, बैंक लुटेरों द्वारा पैसा लूटो-विदेश जाओ-लोन माफ कराओ, ट्रैवल एजेंसी का पर्दाफाश हो गया है.
भगोड़ों का साथ-भगोड़ों का लोन माफ भाजपा सरकार का मूलमंत्र बन गया है. उन्होंने कहा, पूरा देश कोरोना वायरस महामारी से लड़ रहा है. रोजी रोटी की मार के चलते देश के करोड़ों मजदूरों को शहर से गांव पलायन करना पड़ा है. सीएमआईई के मुताबिक, 14 करोड़ से अधिक लोग रोजगार से हाथ धो बैठे हैं. 1.13 करोड़ फौजी जवानों, सैन्य पेंशनभोगियों व सरकारी कर्मचारियों का 37,530 करोड़ रुपये का महंगाई भत्ता मोदी सरकार ने काट लिया है. जानबूझकर कर्ज ना चुकाने वालों की लिस्ट में भाजपा सरकार के मित्रों को रखा गया है. इस लिस्ट में डाले गए कई चेहरों को प्रधानमंत्री के साथ कई बार सार्वजनिक मंचों पर भी देखा गया है.