Wednesday , April 24 2024
Breaking News

सेबी ने किये शेयर बाजार के कई नियमों में बदलाव, निवेशकों के लिये अच्छा मौका

Share this

नई दिल्ली. शेयर बाजार रेग्युलेटर सेबी ने कई नियमों में बदलाव किया है. इसके तहत प्रेफ्रेंशियल आधार पर शेयरों के आवंटन के लिये मूल्य निर्धारण संबंधी नियमों में अस्थाई रूप से ढील देने का फैसला किया गया है. साथ ही ओपन ऑफर से जुड़े नियम को भी बदल दिया है. एक्सपट्र्स का कहना है कि इस फैसले से छोटी और अच्छी बिजनेस मॉडल वाली कंपनियों के शेयरों में तेजी आएगी. लिहाजा निवेशकों के पास ये अच्छा मौका है.

सेबी ने अस्थायी राहत देते हुए कहा कि प्रेफ्रेंशियल एलॉटमेंट के मामले में कीमत निर्धारण के तौर-तरीकों के लिये एक अतिरिक्त विकल्प होगा. नये विकल्प अपनाने की स्थिति में ऐसे शेयरों को तीन साल के लिये रखना अनिवायज़् होगा. यानी इसमें तीन साल का लॉक इन पीरियड होगा. तरजीही कीमत का यह विकल्प एक जुलाई 2020 या नियमन में संशोधन से संबद्ध अधिसूचना की तारीख, जो भी बाद में हो, से लेकर 31 दिसंबर 2020 तक उपलब्ध होगा.

पीडब्ल्यूसी इंडिया के भागीदार और प्रमुख (वित्तीय सेवा कर) भवीन शाह ने कहा कि दिशानिर्देशों में बदलाव एक बहुप्रतीक्षित बदलाव है. इससे प्रवर्तकों के साथ-साथ निवेशकों को खुशी होगी. उन्होंने कहा कि नियामक के न्यूनतम स्तर और मौजूदा बाजार स्थिति के बीच मिलान नहीं होने से कई सौदे अटके पड़े थे. इस संशोधन से कई सौदों का रास्ता साफ हो गया है. साथ ही इससे कई कंपनियों की नकदी की स्थिति बेहतर होगी.

इसके साथ सेबी ने खुली पेशकश के दौरान शेयरों की खरीद की भी मंजूरी दी है. वैसे मामले में जहां सार्वजनिक रूप से खुली पेशकश की घोषणा हुई है, परोक्ष अधिग्रहण के लिये पूरी राशि विस्तृत सार्वजनिक बयान की तारीख से दो कामकाजी दिवस पहले जमा हो जानी चाहिए. अगर अधिग्रहण करने वाले के कारण खुली पेशकश में देरी होती है, उन सभी शेयरधारकों को 10 प्रतिशत साधारण ब्याज का भुगतान करना होगा जिन्होंने खुली पेशकश में शेयरों की पेशकश की है.

नियामक भेदिया कारोबार निषेध नियम में भी संशोधन करेगा. इसमें डिजिटल डेटाबेस रखना होगा जिसमें अप्रकाशित संवेदनशील कीमत सूचना की प्रकृति तथा उन लोगों के नाम होंगे जिनके पास इसकी सूचना है. साथ ही इसमें अन्य बातों के अलावा शेयर बाजारों को जानकारी देने की प्रक्रिया का स्वचालन और कारोबार खिड़की को प्रतिबंधित करना शामिल है.

इसके अलावा सेबी ने प्रक्रियाओं को तेज और प्रभावी बनाने के लिये निपटान नियमों को कारगर बनाने का भी फैसला किया है.सेबी ने कहा कि समय बचाने के लिये निपटान नियमों के तहत निपटान नोटिस जारी करने के बजाय, संबंधित पक्ष को निपटान आवेदन दायर करने के बारे में सूचित करने के लिये कारण बताओ नोटिस में ही एक पैराग्राफ को शामिल किया जायेगा. निदेशक मंडल ने सेबी की वार्षिक रिपोर्ट 2019-20 को भी मंजूरी दे दी. इसे केंद्र सरकार को सौंपा जायेगा.

Share this
Translate »