नई दिल्ली. भारत में कोरोना वायरस की वजह से अबतक 20 हजार से अधिक लोगों की जान जा चुकी है. साथ ही इसके कारण भारत की अर्थव्यवस्था भी पस्त होती दिख रही है. इसी बीच भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बयान दिया है.
शक्तिकांत दास का कहना है कि कोरोना वायरस पिछले 100 सालों में सबसे खराब स्वास्थ्य और आर्थिक संकट है. इसके कारण देश में उत्पादन और नौकरियों पर निगेटिव प्रभाव पड़ा है. इस कोरोना वायरस महामारी ने पूरी दुनिया में मौजूदा व्यवस्था, श्रम (मजदुरी) और कैपिटल के मूवमेंट को हल्का (सुस्त) किया है.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, आरबीआई शक्तिकांत दास का कहना है कि देश की अर्थव्यवस्था के सामान्य स्थिति की तरफ लौटने के संकेत दिखने लगे हैं. देश में लॉकडाउन के तहत लागू विभिन्न प्रतिबंधों में ढील दिए जाने के कारण इस तरह की गतिविधियां बढ़ी हैं. लेकिन अभी अनिश्चित है कि आपूर्ति श्रृंखला पूरी तरह से कब शुरू होगी.
उनका यह भी कहना है कि मांग की स्थिति सामान्य होने में कितना वक़्त लगेगा यह महामारी अपना प्रभाव कब छोडती है ये देखने वाली बात है.शक्तिकांत दास ने यह भी कहा है कि रिजर्व बैंक के लिए विकास पहली प्राथमिकता है. लेकिन इसके साथ ही वित्तीय स्थिरता भी उतनी ही महत्वपूर्ण है.