नई दिल्ली. भारत में कोरोना वायरस किस कदर कहर बरपा रहा है, इसका अंदाज़ा इसी से लगाया जा सकता है कि अब तक देश के 196 डॉक्टर इस महामारी से लड़ते हुए अपनी जान गंवा चुके हैं. भारतीय चिकित्सा संगठन (आईएमए) ने शनिवार 8 अगस्त को जानकारी दी कि देश में अभी तक कुल 196 डॉक्टरों की कोरोना के चलते मौत हुई है. संगठन ने प्रधानमंत्री से आग्रह किया कि वो इस मुद्दे पर ध्यान दें.
आईएमए ने चिंता जताते हुए कहा, आईएमए की तरफ से एकत्रित नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक हमारे देश ने 196 चिकित्सकों को खो दिया, जिनमें से 170 की उम्र 50 वर्ष से अधिक थी और इसमें 40 फीसदी जनरल प्रैक्टिशनर्स थे. चिकित्सकों के संगठन ने कहा कि बुखार और इससे जुड़े लक्षणों के लिए ज्यादा संख्या में लोग जनरल प्रैक्टिसनर्स से संपर्क करते हैं, इसलिए वे पहला संपर्क बिंदु होते हैं.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को लिखे पत्र में आईएमए ने आग्रह किया कि चिकित्सकों और उनके परिवार के लिए पर्याप्त देखभाल सुनिश्चित की जाए और सभी सेक्टरों के चिकित्सकों को सरकार की तरफ से चिकित्सीय और जीवन बीमा दिया जाए. आईएमए के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. राजन शर्मा ने कहा, आईएमए देश भर के साढ़े तीन लाख चिकित्सकों का प्रतिनिधित्व करता है. यह जिक्र करना जरूरी है कि कोविड-19 सरकारी और निजी सेक्टर में भेद नहीं करता और सब को समान रूप से प्रभावित करता है.
आईएमए के महासचिव डॉ. आर. वी. अशोकन ने कहा कि कोविड-19 के कारण चिकित्सकों में मृत्यु दर खतरनाक स्थिति में पहुंच गई है. आपको बता दें कि देश में कोरोना संक्रमितों की संख्या करीब 21 लाख हो गई है. पिछले 24 घंटों 61 हजार 537 नए मामले आए और 933 लोगों की मौत हुई है. एक दिन पहले 62 हजार 538 मामले आए थे, जो अभी तक एक दिन में सबसे ज्यादा मामले हैं. देश में कोरोना से ठीक होने वालों का रिकवरी रेट 68.32 फीसदी है. देश में इस वक्त छह लाख से ज्यादा कोरोना के एक्टिव केस हैं.