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किसानों के तेवर सख्त, 14 को करेंगे भूख हड़ताल, अगले 40 घंटे में फिर हो सकती है केंद्र सरकार से वार्ता

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नई दिल्ली। दिल्ली सीमा पर लगातार 17 दिनों से आंदोलन कर रहे किसानों ने 14 दिसंबर को भूख हड़ताल का बड़ा ऐलान किया है. इस बीच खबर आ रही है कि अगले 24 से 40 घंटे के बीच किसानों और सरकार के बीच अगले दौर की बैठक हो सकती है.

संयुक्त किसान आंदोलन के नेता कमल प्रीत सिंह पन्नू ने बताया सभी किसान संगठनों के प्रतिनिधि और अध्यक्ष स्टेज पर 14 तारीख को अनशन पर बैठेंगे. हम अपनी माताओं और बहनों से इस आंदोलन में शामिल होने का आह्वान करते हैं.

उनके रहने, ठहरने और टॉयलेट का प्रबंध करने के बाद हम उन्हें इस आंदोलन में शामिल करेंगे. उन्होंने कहा, हम चाहते हैं कि सरकार 3 फार्म बिल वापस ले, हम संशोधन के पक्ष में नहीं हैं. उन्होंने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर बड़ा गंभीर आरोप लगाते हुए कहा, केंद्र हमारे आंदोलन को विफल करना चाहता है, लेकिन हम इसे शांतिपूर्वक जारी रखेंगे.

उन्होंने कहा, हम अपने आंदोलन को विफल करने के लिए केंद्र द्वारा किसी भी प्रयास को विफल करेंगे. हमें विभाजित करने और हमारे आंदोलन के लोगों को भड़काने के लिए सरकार ने कुछ छोटे प्रयास किए थे. लेकिन, हम शांतिपूर्वक इस आंदोलन को जीत की ओर ले जाएंगे.

हजारों किसान कल करेंगे ट्रैक्टर मार्च

कमल प्रीत सिंह पन्नू ने बताया, हजारों किसान कल सुबह 11 बजे राजस्थान के शाहजहांपुर से ट्रैक्टर मार्च शुरू करेंगे और जयपुर-दिल्ली मुख्य मार्ग को अवरुद्ध करेंगे. हमारे देशव्यापी आह्वान के बाद, हरियाणा के सभी टोल प्लाजा आज मुक्त हैं.

अगले 24 से 40 घंटों में केंद्र-किसान की अगले दौर की बातचीत

केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के साथ बैठक के बाद हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा, अगले 24 से 40 घंटों में केंद्र और किसानों के बीच अगले दौर की बातचीत हो सकती है. उन्होंने कहा, जब तक मैं हरियाणा सरकार में हूं, प्रत्येक किसान के लिए एमएसपी सुनिश्चित किया जाएगा. हरियाणा सरकार इस समय स्थिर है, एमएसपी मुद्दे पर हमारा ठोस रुख है.

उन्होंने कहा, किसानों के प्रतिनिधि के रूप में उनके अधिकारों को सुरक्षित करना मेरी जिम्मेदारी है. मैंने केंद्रीय मंत्री के साथ इस विषय पर चर्चा की, मुझे उम्मीद है कि आपसी सहमति से एक रास्ता मिल जाएगा और गतिरोध का समाधान हो जाएगा. केंद्र सकारात्मक है.

उन्होंने आंदोलन के खालिस्तानी और पर शहरी नक्सल लिंक को लेकर कहा, जो लोग पंजाब से आये हैं, उनके आचरण सकारात्मक हैं और हम उम्मीद करते हैं कि यह ऐसा ही रहेगा. उन्होंने कहा, उनके बीच कोई ऐसा तत्व नहीं पाया गया जो आंदोलन को अलग दिशा दे सके.

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