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योगी सरकार के पेपरलेस बजट में हर वर्ग को तवज्जो

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी सरकार ने सोमवार को प्रस्तुत अपने मौजूदा कार्यकाल के पांचवें और अंतिम बजट में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुये समाज के हर वर्ग को लुभाने की भरपूर कोशिश की है। वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिये बजट अनुमान का आकार पांच लाख 50 हज़ार 270 करोड़ 78 लाख रुपये रखा गया है जो अब तक सर्वाधिक है। 

वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने बड़ी डिजिटल स्क्रीन पर प्रदेश के पहले पेपरलेस बजट में मौजूद विशेषताओं का बखान किया। उन्होने कहा कि 2020-21 में बजट 5.12 लाख करोड़ रुपये का था जिसकी तुलना में यह बजट करीब 37.4 हज़ार करोड़ रूपये यानी 7.3 फीसदी ज्यादा है। वित्तीय वर्ष 2017-18 में 3.84 लाख करोड़ का बजट था। 2018-19 में 4.28 लाख करोड़ का बजट था। 2019-20 में 4.79 लाख करोड़ का बजट था।

उन्होने कहा कि उनकी सरकार का पहला बजट वर्ष 2017-18 में किसानों को समर्थित था जबकि वर्ष 2018-19 के बजट में औद्योगिक विकास को विशेष स्थान दिया गया था वहीं 2019-20 के बजट में नारी शक्ति को तरजीह दी गयी थी वहीं 2020-21 में युवाओं और औद्योगिक विकास को महत्व दिया गया। मौजूदा बजट सर्व समावेशी विकास पर आधारित है जिसमें किसान, नौजवान, महिला, श्रमिक और व्यापारी समेत हर वर्ग के हितों का ध्यान रखा गया है जो प्रदेश के सर्वांगीण विकास में मील का पत्थर साबित होगा।

बजट की आय 2022 तक दोगुना करने के लिये 2021-22 में कृषक समन्वित विकास योजना संचालित की जायेगी जिसके लिये 100 करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया है वहीं मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना के लिये 600 करोड़ रूपये रखे गये है। किसानो को मुफ्त पानी की सुविधा देने के लिये 700 करोड़ रूपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है जबकि किसानो को रियायती दरों पर फसली ऋण उपलब्ध कराने के लिये अनुदान के लिये 400 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। इसके अलावा प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2021 -22 में 15 हजार सोलर पंपो की स्थापना का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

नारी सशक्तिकरण की कवायद में मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना को और परिष्कृत कर लागू किये जाने का फैसला लिया गया है जिसके तहत पात्र बालिकाओं को टैबलेट उपलब्ध कराये जायेंगे जिसके लिये 1200 करोड़ रूपये का बजट रखा गया है। महिलाओं एवं बच्चों में कुपोषण की समस्या के निदान के लिये मुख्यमंत्री सक्षम सुपोषण योजना क्रियान्वित की जायेगी। इसके लिये 100 करोड़ रूपये रखे गये है वहीं पुष्टाहार कार्यक्रम के लिये 4094 करोड़ और राष्ट्रीय पोषण अभियान के लिये 415 करोड़ रूपये की व्यवस्था की गयी है। 2021-22 से महिला सामर्थ्य योजना के नाम से नयी योजना क्रियान्वित की जायेगी जिसके लिये 200 करोड़ रूपये का इंतजाम बजट में किया गया है।

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