लखनऊ. सूबे के सीएम योगी आदित्यनाथ की जनता की मदद के लिए शुरू की गई हेल्पलाइन में काम करने वाली युवतियों के शोषण का मामला उजागर हुआ है. जिस हेल्पलाइन में लोग अपनी परेशानी का हल खोजने के लिए फोन करते हैं, उसी हेल्पलाइन में काम करने वाली करीब 20 युवतियों को एक कमरे में बंद कर बंधक बनाया गया, जहां उन्हें इतना प्रताड़ित किया गया कि कुछ बेहोश
जानकारी के अनुसार, इस प्रताड़ना के पीछे इन युवतियों को पिछले 4 माह से वेतन नहीं मिलने के चलते इन महिला कर्मचारी का विरोध दर्ज करना बताया जा रहा है. विरोध के कारण उसे एक कमरे में बंद कर दिया गया था, जहां अब वह बेहोश हालात में मिली है. युवतियों ने आरोप लगाया कि उनके ट्रेनर और सुपरवाइजर अनुराग व आशुतोष ने उनसे जबरन सफेद कागज पर साइन करवा लिए. उन्हें अपशब्द सुनाते हुए बदतमीजी की गई.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, लखनऊ के गोमतीनगर के विभूतिखंड में साईबर हाईट में सीएम हेल्पलाइन संचालित की जाती है. खबरों के अनुसार , पिछले 4 माह से यहां काम करने वाली करीब 20 युवतियों को वेतन नहीं दिया गया था, जिसका इन युवतियों ने विरोध दर्ज करवाया. ऐसा करने पर करीब 20 युवितियों को शुक्रवार सुबह एक कमरे में बंद कर दिया गया. युवतियों ने अब आरोप लगाया कि इस दौरान कुछ लड़कियों के साथ अभद्रता की गई. उनके दुपट्टे तक गले से खींच लिए गए. कमरे में बंद किए जाने और डर के चलते इस दौरान कुछ युवतियां बेहोश हो गई, जिसके बाद वहां हड़कंप मच गया.
हालांकि इस दौरान वहां अफवाह भी उड़ी की वेतन न मिलने और प्रताड़ना के चलते कुछ युवतियों ने जहर खा लिया है, जिसके बाद प्रशासन के हाथ पांव फूल गए. इसके बाद युवतियों को तुरंत कमरे में से निकाला गया और उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां उनका इलाज जारी है.