जयपुर. मध्यप्रदेश के बाद अब राजस्थान में भी 12 साल से कम उम्र की बच्चियों के साथ दुष्कर्म करने पर फांसी की सजा होगी. सरकार ने रेप मामलों में दोषी लोगों के लिए मौत की सजा के लिए संशोधन बिल पारित कर दिया है.
शुक्रवार को राजस्थान सरकार ने विधानसभा ने दंड संशोधन विधेयक को पारित कर इस कानून को एकमत से पास कर दिया. सीआरपीसी और आईपीसी में संशोधित इस बिल को अब राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा.
मध्य प्रदेश के बाद राजस्थान देश का दूसरा ऐसा राज्य है जिसने बलात्कारियों के खिलाफ ऐसा कठोर कानून बनाया है.
बता दें कि राजस्थान में अभी 16 साल से कम उम्र की नाबालिग के साथ बलात्कार करने पर आजीवन कारावास और जुर्माना का प्रावधान है. वहीं सामूहिक बलात्कार पर 20 साल की सजा या आजीवन कारावास और जुर्माना दोनों मौजूद है.
गौरतलब है कि देश भर में साल 2016 के दौरान 19765 बलात्कार के मामले आये है जिसमें से (858) केस सिर्फ राजस्थान में दर्ज हुए है. वहीं साल 2015 के आंकड़ों पर नजर डाले तो 19654 केस में से 771 राजस्थान में दर्ज हुए हैं.
नए कानून से रेप की इन घटनाओं पर कितनी लगाम लगती है यह तो आने वाले समय में ही पता चल पाएगा.
इससे पहले मध्यप्रदेश में 12 वर्ष से कम उम्र की लड़कियों के साथ दुष्कर्म पर फांसी की सजा का का प्रावधान पास किया गया. इसके साथ ही इस बिल में विवाह का झांसा देकर संबंध बनाने और उसके खिलाफ शिकायत प्रमाणित होने पर तीन साल कारावास की सजा का प्रावधान भी किया गया था.