डेस्क्। सम्पूर्ण भारत में आज शिक्षक दिवस पूरे धूमधाम एवं हर्षोल्लासपूर्वक मनाया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि 5 सितंबर को हर साल भारत के पहले पूर्व उप राष्ट्रपति और दूसरे पूर्व राष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म दिवस होता है। राधाकृष्णन 1962 ये 1967 तक भारत के राष्ट्रपति रहे। भारतीय शिक्षा में विशेष योगदान के कारण 5 सितंबर को हर साल उनका जन्म दिवस शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है।
गौरतलब है कि डॉ राधाकृष्णन का मानना था कि विश्वविद्यालयों का मुख्य काम डिग्री या डिप्लोमा बांटना नहीं है, बल्कि छात्रों में एडवांस लर्निंग की भावना पैदा करना है। छात्रों को जीवन की चुनौतियों से तैयार करना है। शिक्षक दिवस के मौके पर जानें उनके ऐेसे ही कुछ ओजपूर्ण विचार-
- यहां पूजा भगवान की नहीं बल्कि उनकी होती है जो भगवान के नाम पर बोलने का दावा करते हैं।
- अपने पड़ोसी को उतना प्यार करो जितना खुद को करते हो, क्योंकि तुम ही अपने पड़ोसी हो।
- शिक्षक वह नहीं जो छात्र के दिमाग में तथ्यों को जबरन ठूसे, बल्कि वास्तविक शिक्षक वह है जो उसे आने वाले कल की चुनौतियों के लिए तैयार करे।
- पुस्तकें वह माध्यम हैं जिनके माध्यम से हम विभिन्न संस्कृतियों के बीच पुल का निर्माण कर सकें।
- शिक्षा के द्वारा ही मानव मस्तिष्क का सदुपयोग किया जा सकता है। अतः विश्व को एक ही ईकाई मानकर शिक्षा का प्रबंध किया जाना चाहिए।
- शांति राजनीतिक या आर्थिक बदलाव से नहीं आ सकती बल्कि मानवीय स्वभाव में बदलाव से आ सकती है।
- शिक्षा का परिणाम एक मुक्त रचनात्मक व्यक्ति होना चाहिए, जो ऐतिहासिक परिस्थितियों और प्राकृतिक आपदाओं के खिलाफ लड़ सके।
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