नई दिल्ली। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने आज यहां एनडीटीवी के एक कार्यक्रम के दौरान जहां भाजपा और आरएसएस को हराने के लिए जहां हर समझौता करने को तैयार नजर आए। वहीं अगला प्रधानमंत्री उत्तर प्रदेश से हो ऐसा कह कर लोगों को इस बयान के मायने निकालने पर मजबूर कर दिया। जबकि पारिवारिक कलह पर हालांकि वो कन्नी काटते नजर आये लेकिन फिर भी बोले कि इसके पीछे बाहरी लोग हैं।
गौरतलब है कि अखिलेश यादव ने आज यहां एनडीटीवी के एक कार्यक्रम के दौरान कहा है कि लोकसभा चुनाव में सांप्रदायिक रोकने के लिये दो कदम पीछे भी जाना पड़े तो वह तैयार हैं। उन्होंने कहा कि लड़ाई तो बीजेपी से है लेकिन असली मुकाबला तो आरएसएस से है क्योंकि वह दिखता नहीं है। उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव में बीजेपी सिर्फ चुनाव लड़ी थी लेकिन जमीन पर झूठा प्रचार आरएसएस ने किया है। इसी बीच अखिलेश यादव ने भी कहा कि प्रधानमंत्री उत्तर प्रदेश से ही होना चाहिए. अखिलेश यादव के इस बयान के कई मायने निकाले जा रहे हैं।
इतना ही नही उन्होंने कहा कि देश को आरएसएस से बचाना है। इसलिए विचारधारा की लड़ाई विचारधारा से ही लड़ी जा सकती है। मुझे बैकवर्ड बनाने के लिये आरएसएस और बीजेपी का धन्यवाद। क्योंकि मैं काम करते-करते समझने लगा था कि मैं भी फॉरवर्ड हो गया हूं लेकिन मुझे आरएसएस ने बैकवर्ड होने का अहसास कराया। वहीं मीडिया की भूमिका पर सवाल उठाते हुए अखिलेश ने कहा कि मुझे याद है कि यूपी में कोई घटना होती थी तो पहले अखिलेश यादव की तस्वीर आती थी और दिन भर वह चलाया जाता था और आज मुख्यमंत्री बदल गये हैं।
वहीं जबकि परिवार में झगड़े के सवाल पर अखिलेश यादव टालने की मुद्रा में नजर आए तो और कहा कि ये झगड़ा किसी और कारण से है। उन्होंने कहा कि एक अखबार में पढ़ा तो मुझे औरंगजेब लिखा गया तो उसके पीछे एक बड़े लोग थे। जब उनसे सवाल किया गया कि इसके पीछे कौन है तो उन्होंने कहा कि जब पीएम मोदी लखनऊ पहुंचे तो वहां कालाधन तो नहीं मिला लेकिन कार्यक्रम में अमर सिंह मिल गए।