लखनऊ। सपा के संस्थापक मुलायम सिंह यादव की सियासत को समझ पाना अच्छे-अच्छों के बस की बात नही है। क्योंकि कुनबे की कलह के बीच जारी तमाम उतार-चढ़ावों को आत्मसात करते हुए वो मौजूदा हालातों में भी कुनबे के दो धुर विरोधी धड़ों पुत्र अखिलेश और भाई शिवपाल के साथ बखूबी सामंजस्य बिठाये हैं। एक तरह से शिवपाल के पार्टी घोषित करने के बाद मुलायम पुत्र अखिलेश व भाई शिवपाल के बीच संतुलन साधते नजर आ रहे हैं।
गौरतलब है कि एक बार फिर हाल के कुछ समय से पुत्र अखिलेश के साथ अक्सर पार्टी के मंचों पर नजर आने वाले मुलायम सिंह यादव मंगलवार को 6 लाल बहादुर शास्त्री मार्ग स्थित शिवपाल सिंह यादव की पार्टी प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) के कार्यालय पहुंच गए। इतना ही नही बल्कि पार्टी कार्यालय में उनका भव्य स्वागत किया गया और पार्टी कार्यकर्ताओं ने उनके कार्यकाल की भूरि-भूरि प्रशंसा की।
इस दौरान मुलायम ने शिवपाल के साथी नेताओं से मुलाकात की। शिवपाल के पार्टी घोषित करने के बाद मुलायम पुत्र अखिलेश व भाई शिवपाल के बीच संतुलन साधते नजर आ रहे हैं। वह सपा के मंच पर भी जा रहे हैं और शिवपाल के साथ भी नजर आ रहे हैं। शिवपाल ने आगामी लोकसभा चुनाव में प्रदेश की सभी 80 सीटों पर प्रत्याशी उतारने की घोषणा की है। कहा जा रहा है कि अगर ऐसा होता है कि सपा को नुकसान उठाना पड़ सकता है।
ज्ञात हो कि सपा से अलग होकर अपना अलग दल बनाने पर प्रदेश सरकार के खास हो चुके शिवपाल सिंह यादव को पिछले दिनों माल एवेन्यू में जो बंगला आवंटित किया गया था उसमें उन्होंने अपनी पार्टी का कार्यालय बनाया और मंगलवार को कार्यकर्ता सम्मेलन आयोजित किया। इसमें सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव को भी आमंत्रित किया गया था। मुलायम ने आमंत्रण स्वीकार किया और कार्यालय पहुंचे।
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