सोल! महीनों से नाभिकीय निरस्त्रीकरण का दावा कर रहे दक्षिण कोरिया ने धमकी दी है. दक्षिण कोरिया ने अचानक अमेरिका पर निशाना साधते हुए कहा है कि अगर उसने कड़े आर्थिक प्रतिबंध नहीं हटाए तो देश अपनी पुरानी नाभिकीय नीति यानी नाभिकीय हथियार बनाने की तरफ लौट जाएगा. बता दें कि सालों तक नॉर्थ कोरिया ने अर्थव्यवस्था के साथ नाभिकीय क्षमता बढ़ाने की नीति (युनजिन नीति) पर काम किया है.
इस साल अप्रैल में शांति की वकालत करते हुए नॉर्थ कोरिया के शासक किम जोंग-उन ने घोषणा की थी कि उनके देश की नाभिकीय जरूरतें पूरी हो गई हैं. किम ने कहा था कि अब देश सोशलिस्ट इकॉनमी के निर्माण पर काम करेगा. इधर विदेश मंत्रालय की तरफ से जारी ताजा बयान में कहा गया है कि अगर अमेरिका ने प्रतिबंधों पर अपना रवैया नहीं बदला तो प्योंगयांग पुरानी नीतियों की तरफ लौट सकता है.
इस साल जून में सिंगापुर में अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप और नॉर्थ कोरिया के शासक किम जोंग-उन के बीच ऐतिहासिक मुलाकात हुई थी. उस दौरान नॉर्थ कोरिया ने पूर्ण नाभिकीय निरस्त्रीकरण की बात कही थी. इसके बाद कोरियाई प्रायद्वीप के तनाव के सुलझने और हथियारों की होड़ पर लगाम लगने की आस बंधी थी. हालांकि तबसे लेकर आजतक इस मामले में कोई खास प्रगति नहीं हुई. उधर, अमेरिका ने नॉर्थ कोरिया पर अपने प्रतिबंध जारी रखे हैं.
इस मामले में अमेरिका का कहना है कि जबतक नॉर्थ कोरिया पूर्ण रूप से निरस्त्रीकरण नहीं कर लेता और इसकी पुष्टि नहीं हो जाती, प्रतिबंध जारी रहेंगे. नॉर्थ कोरिया अमेरिका के इस स्टैंड को गैंगस्टर जैसा बताता रहा है. नॉर्थ कोरिया ने अपने बयान में कहा है कि संबंधों में बेहतरी और प्रतिबंध एक साथ नहीं चल सकते.
पिछले महीने नॉर्थ कोरिया की स्टेट मीडिया ने अमेरिका पर डबल गेम खेलने का आरोप लगाया था. आर्थिक प्रतिबंधों को लेकर ट्रंप की आलोचना की गई थी. हालांकि अमेरिका अपने रुख पर कायम नजर आ रहा है. अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पॉम्पियो ने फॉक्स न्यूज को दिए एक हालिया इंटरव्यू में कहा है कि जबतक नॉर्थ कोरिया निरस्त्रीकरण की अपनी प्रतिबद्धता को पूरा नहीं कर देता प्रतिबंध जारी रहेंगे.
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