लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजनीति में दलितों का अहम योगदान है इसी के चलते ही तकरीबन सभी राजनीतिक दल बढ़ चढ़ कर खुद को दलित हितैषी जताने में लगे हैं। लेकिन इस सबके बीच अब एक नया पेंच फंसने के आसार नजर आने लगे हैं। क्योंकि प्रदेश की राजनीति में तेजी से उभर रहे भीम आर्मी ने अपना दबदबा बनाना शुरु कर दिया है।
गौरतलब है कि 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले भीम आर्मी ने दलित राजनीति में उबाल लाने के लिए 6 दिसम्बर का दिन तय किया गया है जिस दिन बाबरी मस्जिद को गिराया गया था। दरअसल भीम आर्मी के चीफ चंद्रशेखर आजाद ने जेल में बद पार्टी पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं की रिहाई को लेकर 6 दिसम्बर को देशव्यापी आंदोलन लाने की घोषणा की है।
इस बाबत बात करते हुए चंद्रशेखर आजाद ने कहा कि 2 अप्रैल को भारत बंद के दौरान हुई हिंसा के संबंध में जेल में बंद पार्टी पदाधिकारियों, कार्यकर्ताओं और दलित नेताओं की रिहाई के लिए 6 दिसम्बर से आंदोलन शुरु किया जाएगा। यह घोषणा उन्होंने मुजफ्फरनगर में की।
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