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करतारपुर कॉरिडोर: सामने आई काफी कुछ कहानी, जब बाजवा के साथ दिखा खालिस्तानी

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नई दिल्ली। करतारपुर कॉरीडोर को लेकर पाकिस्तान के जिन नापाक इरादों को लेकर आशंकायें जताई जा रही थीं आखिरकार आज उन पर उस वक्त बखूबी मुहर भी लग गई जब पाकिस्तान में हुए करतारपुर कॉरिडोर के शिलान्यास कार्यक्रम के दौरान वहां कुख्यात आतंकी सरगना हाफिज सईद का करीबी और खालिस्तान सर्मथक गोपाल चावला न सिर्फ मौजूद दिखा बल्कि पाक सेना के प्रमुख कमर जावेद बाजवा से हाथ भी मिलाता दिखा।

गौरतलब है कि भारत के बाद आज पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने अपनी सीमा के करीब स्थित सिखों के पवित्र धार्मिक स्थल करतारपुर कॉरिडोर का शिलान्यास किया। इस कार्यक्रम में हिस्सा लेने पंजाब के कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू भी वहां पहुंचे। इसके अलावा पाकिस्तान के न्योते पर भारत के दो केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी और हरसिमरत कौर बादल अटारी-वाघा बॉर्डर से इस कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे।

लेकिन इस दौरान कुछ ऐसा देखने को मिला कि जिससे सुरक्षा एजेंसियों की उन तमाम आशंकाओं को और भी बल मिलता उस वक्त नजर आया जब इस समारोह में आतंकी सरगना हाफिज सईद का करीबी सहयोगी माना जाने वाला खालिस्तानी समर्थन गोपाल चावला पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा के साथ हाथ मिलाता हुआ दिखा। वह कार्यक्रम के दौरान बाजवा के साथ खड़ा भी था।

ज्ञात हो कि इस कॉरिडोर को खोले जाने के बाद सुरक्षा एजेंसियों को डर है कि इस मार्ग का दुरुपयोग भी हो सकता है। दरअसल पाकिस्तान में अभी भी खालिस्तान समर्थकों की तादाद काफी ज्यादा है और उन्हें पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई का समर्थन हासिल है। ऐसे में आशंका है कि इस कॉरिडोर का उपयोग करते हुए खालिस्तान समर्थक पंजाब के युवाओं को उग्रवाद के लिए उकसा सकते हैं।

इतना ही नहीं, इस मार्ग का उपयोग नशीली दवाओं की तस्करी के लिए भी किया जा सकता है। यह बेहद दुखद लेकिन सच है कि इस महान धर्मस्थल के क्षेत्र को पाकिस्तान में खालिस्तान और आईएसआई का प्रमुख केंद्र माना जाता है। यहां कई ब्लैकलिस्टेड खालिस्तानी आतंकियों के अड्डे आज भी सक्रिय हैं।

वहीं एक अंग्रेजी अखबार की अगर मानें तो उसके मुताबिक पाकिस्तान एकतरह से इसके जरिये एक तीर से दो निशाने साधने की फिराक में है जिसके तहत वो जहां एक तरफ दुनिया को येदेश देना चाहता है कि ऐसा करके वो बेहद ही नेक काम कर रहा है। वहीं इसकी आड़ में वो अपने नापाक मंसूबों को भी पूरा कर सकता है। जो हमारे देश के लिए भविष्य में बेहद खतरनाक भी हो सकता है। क्योंकि कहावत है कि चोर भले ही चोरी से जाये मगर हेराफेरी से नही जा सकता।

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