नई दिल्ली! अमेरिका ने जब से पाकिस्तान को सहायता राशि देनी बंद की है, तभी से उसकी हालत खस्ता है. ऐसे में उसने चीन के साथ जाने का फैसल लिया और उसके चंगुल में फंसता चला गया. हालांकि चीन का कर्ज उतारने के लिए पाकिस्तान ने अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष से 8 अरब डॉलर का कर्ज मांगा, लेकिन वह भी उसे अभी तक नहीं मिला. जिसके बाद उसने सऊदी अरब के आगे हाथ फैलाए और मदद की गुहार लगाई.
इन सबके बीच अमेरिका ने एक ऐसा खुलासा किया है, जिससे पाकिस्तान को भी डर लग रहा है. अमेरिका का कहना है कि चीन ने पाकिस्तान को कर्ज देकर उसको दशकों पुराने एजेंडे को पूरा करने में मदद कर दी है. चीन दशकों से चाहता था कि वह एशिया में सभी देशों पर राज राज और पाकिस्तान ने उसे यह मौका दे दिया. चीन भले ही कहने को अपनी योजना को बेल्ट ऐंड रोड प्रॉजेक्ट के जरिए अंजाम दे रहा है, जिसका एक हिस्सा पाक में चीन-पाकिस्तान इकॉनमिक कॉरिडोर के नाम पर डिवेलप हो रहा है. 1 ट्रिलियन डॉलर की योजना के तहत चीन 70 देशों में इस प्रॉजेक्ट को आगे बढ़ा रहा है. चीनी अधिकारी अकसर यह कहते रहे हैं बेल्ड ऐंड रोड प्रॉजेक्ट शांतिपूर्ण उद्देश्यों के तहत एक आर्थिक परियोजना है.
न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान में अपने प्रॉजेक्ट्स को लेकर चीन ने पहली बार स्पष्ट रूप से इस्लामाबाद के साथ सैन्य योजनाओं के लिए करार किया है. असल में चीन पाकिस्तान की भू-राजनैतिक स्थिति का इस्तेमाल करते हुए अपने मिलिट्री बेस को वहां मजबूत करना चाहता है. रिपोर्ट के मुताबिक इस साल की शुरुआत में ही चीन और पाकिस्तान के बीच एक गोपनीय प्रस्ताव पर बातचीत हुई थी. उसके मुताबिक CPEC के तहत एक स्पेशल इकनॉमिक जोन बनेगा, जहां पाकिस्तान नई पीढ़ी के लड़ाकू विमानों और सैन्य साजो-सामानों का निर्माण करेगा. पहली बार दोनों देश मिलकर संयुक्त रूप से पाकिस्तान की फैक्ट्रियों में नैविगेशन सिस्टम, रेडार सिस्टम और हथियारों का निर्माण करेंगे. जल्द ही इस प्रस्ताव को समझौते का रूप देकर अमलीजामा पहनाया जाएगा.
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