नई दिल्ली। ये एक बेहद ही कड़वी हकीकत है कि जब नए दोस्त साथ छोड़कर जाने लगते हैं तो वो पुराने दोस्त खुद-ब-खुद याद आने लगते हैं। ऐसा ही कुछ मौजूदा वक्त में भाजपा के साथ हो रहा है जिसकी बानगी आज तब देखने को मिली जब गुरुवार को दक्षिण भारत के राज्य तमिलनाडु पहुंचे पीएम मोदी ने भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का नाम लेते हुए क्षेत्रीय पार्टियों के साथ दोस्ती का हाथ बढ़ाया है। इतना ही नही बल्कि उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से ये भी कहा कि भाजपा गठबंधन के लिए तैयार है और वह पुराने मित्रों के साथ दोस्ती निभाते हुए चलने को तैयार है।
गौरतलब है कि डीएमके और एआईएडीएमके पहले से ही केंद्र में बेजीपी की सहयोगी रही हैं। पीएम मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए चर्चा के दौरान पुराने सहयोगियों को साथ लाने का संकेत दिया है। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि राजनीतिक पार्टियों के लिए उनके दरवाजे हमेशा खुले हैं। भाजपा पुराने साथियों की कद्र करती है। माना जा रहा है कि हाल ही में हिंदी भाषी तीन राज्य हारने के बाद पीएम मोदी ने दक्षिण भारत की पार्टियों के एक साथ लाने के लिए बड़ा दांव खेला है।
उन्होंने इस दौरान अटल बिहारी वाजपेयी का नाम लेते हुए कहा कि अटल जी ने सफल गठबंधन की राजनीति की नई संस्कृति लेकर आए। हमने हमेशा उनके रास्ते पर चलने का अनुसरण किया है। पीएम मोदी ऐसा करके देश में बन रहे संभावित गठबंधन को कमजोर करने का दांव चल रहे है। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कांग्रेस पर भी हमला बोला है। हालांकि इस दौरान फिर एक बार फिर कांग्रेस पर जोरदार हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि कांग्रेस क्षेत्रीय दलों के साथ दुर्व्यवहार कर रही है।
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