नई दिल्ली! सुप्रीम कोर्ट ने अमेरिकी फार्मा कंपनी जॉन्सन एंड जॉन्सन के खिलाफ मरीजों के त्रुटिपूर्ण कूल्हे के प्रत्यारोपण का मामला शुक्रवार को यह कहते हुए बंद कर दिया कि केन्द्र ने उन्हें 1.22 करोड़ रुपये तक मुआवजा दिलाने के लिए कदम उठाये हैं. स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के जरिये केंद्र सरकार ने मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ को बताया कि उसने मुआवजे की एक योजना तैयार की है, ताकि त्रुटिपूर्ण कूल्हा प्रत्यारोपण के पीड़ितों के लिए उचित मुआवजा सुनिश्चित किया जा सके.
शीर्ष अदालत ने अरुण गोयनका की जनहित याचिका का निस्तारण करते हुए केन्द्र सरकार को मुआवजा योजना का व्यापक प्रचार करने का निर्देश दिया, ताकि ऐसे प्रत्यारोपण के शिकार सभी पीड़ित अपनी समस्याओं के लिए मदद ले सकें. इससे पहले, केन्द्र ने न्यायालय को सूचित किया था कि कथित त्रुटिपूर्ण कूल्हा प्रत्यारोपण के बारे में उसकी समिति की रिपोर्ट तैयार है और एक सप्ताह के भीतर उसे पेश कर दिया जायेगा.
जनहित याचिका में आरोप लगाया गया था कि 2005 से कूल्हे की सर्जरी कराने वाले 4525 भारतीय मरीजों के शरीर में त्रुटिपूर्ण और घातक कृत्रिम कूल्हों का प्रत्यारोपण किया गया है.
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