नई दिल्ली! 14 फरवरी को हुए पुलवामा आतंकी हमले को लेकर पूरे देश में पाकिस्तान के खिलाफ गुस्से की लहर है. देश के हर राज्य से मांग उठ रही है कि पाकिस्तान को करारा जवाब दिया जाए. इसी जनभावना को ध्यान में रखते हुए और शहीदों के खून की एक-एक बूंद का बदला लेने लिए मोदी सरकार ने भी तैयारी शुरू कर दी है. सीमा आयात शुल्क 200 फीसदी करने, मोस्ट फॉवर्ड नेशन का दर्जा छीनने और अपने हिस्से का पानी न देने का फैसला लेने के बाद केंद्र सरकार और सख्त कदम उठाने की फिराक में है. आज गृह मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की. ये मुलाकात करीब 1 घंटा चली.
सूत्रों के अनुसार, दोनों के बीच की यह मुलाकात पुलवामा हमले के खिलाफ कार्रवाई के लिए एजेंडे के तहत हुई. बताया जा रहा है कि पुलवामा हमले का बदला कैसे लिया जाए इसके लिए क्या रोडमैप होना चाहिए. इसी के मद्देनजर प्रधानमंत्री और गृह मंत्री के बीच यह बैठक हुई. इससे पहले गृह मंत्री राजनाथ सिंह एनएसए अजीत डोभाल, खुफिया विभाग के मुखिया और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक कर पुलवामा हमले के खिलाफ कार्रवाई के रोडमैप को लेकर बैठक की थी. उधर, एक अन्य महत्वपूर्ण घटनाक्रम में रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण, थल सेना, वायु सेना और नौसेना के प्रमुख की 25 फरवरी को भारतीय दूतावास के अधिकारियों के साथ बैठक होगी. ये बैठक सोमवार को शुरू होगी और दो दिन चलेगी. दो दिन की इस बैठक में आतंकवाद के मोर्चे पर पाकिस्तान को बेनकाब करने पर चर्चा हो सकती है. सरकार के एक सूत्र ने कहा कि अधिकारियों को पुलवामा हमले में पाकिस्तान की भूमिका को बेनकाब करने को लेकर कहा जाए.
दरअसल मोदी विभिन्न मंचों पर जनता को ये संदेश दे चुके हैं पाक के खिलाफ अब सिर्फ एक्शन होगा. आज भाजपा की संकल्प रैली में पुलवामा घटना के बाद आक्रोशित युवाओं से आग्रह करते हुए कहा कि हमारी लड़ाई आतंकवाद के खिलाफ है, कश्मीरियों के खिलाफ नहीं. उन्होंने कहा कि कश्मीरी लोग भी 40 वर्ष से आतंकवाद का शिकार हो रहे हैं. कश्मीरियों पर हमले हुए तो यह उन लोगों को आशीर्वाद होगा जो भारत तेरे टुकड़े होंगे का नारा दे रहे हैं, लेकिन मेरा देश उनकी मंशा पूरी नहीं होने देगा. उन्होंने कहा कि आतंकवाद को जड़ से खत्म करना है तो कश्मीर के लोगों को साथ लेना होगा. उनके खिलाफ खड़े होने की गलती नहीं करनी है.
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