वाशिंगटन. वैश्विक महामारी कोरोना वायरस की वैक्सीन को लेकर दुनियाभर में शोध जारी है, लेकिन अभी तक इस खतरनाक वायरस के लिए कोई भी वैक्सीन तैयार नहीं हो पाई है. इस बीच एक नए शोध में बताया गया है कि कोरोना वायरस सनलाइट (सूरज की किरण) में तेजी से मर जाता है.
अमेरिकी अधिकारियों ने इस शोध के बारे में जानकारी साझा करते हुए बताया कि सूरज की किरणों के संपर्क में आते ही कोरोना वायरस खत्म हो जाता है. हालांकि अभी तक इस अध्ययन को सार्वजनिक नहीं किया गया है और बाहरी मूल्यांकन की प्रतीक्षा की जा रही है.
वायरस का प्रसार गर्मियों में हो सकता है कम
डिपार्टमेंट ऑफ होमलैंड सिक्योरिटी सेक्रेटरी के विज्ञान और प्रौद्योगिकी सलाहकार विलियम ब्रायन ने व्हाइट हाउस में संवाददाताओं से कहा कि सरकारी वैज्ञानिकों ने कोरोना वायरस पर पराबैंगनी किरणों का शक्तिशाली प्रभाव देखा. उन्होंने आशा जताई की, इसका प्रसार गर्मियों में कम हो सकता है. ब्रायन ने कहा कि हमारी शोध में अब तक सबसे खास बात यह पता चली है कि सूरज की किरणें सतह और हवा दोनों में इस वायरस को मारने की क्षमता रखती है. उन्होंने कहा कि हमने तापमान और नमी में भी ऐसे ही प्रभाव देखें. यानी तापमान और नमी में वृद्धि वायरस के लिए फायदेमंद नहीं है.
इस बीच एक महत्वपूर्ण प्रश्न यह है कि पराबैंगनी किरणों की तीव्रता और वेवलैंथ क्या थी और क्या यह गर्मियों में प्राकृतिक प्रकाश की स्थिति में भी ऐसा ही असर करेगा. टेक्सास स्थित ए एंड एम यूनिवर्सिटी में बॉयोलॉजिकल साइंसेज के चेयरमैन बेंजामिन ने कहा कि यह जानना अच्छा होगा कि परीक्षण कैसे किया गया था, और परिणाम कैसे मापा गया.
शोध में ये बात आई सामने
विलियन ब्रायन ने मैरीलैंड स्थित नेशनल बायोडिफेंस एनालिसिस एंड काउंटर मेजर्स सेंटर के एक शोध को साझा किया, इसमें कहा गया है कि 35 डिग्री सेल्सियस से अधिक तापमान और नमी, सतहों पर वायरस के जिंदा रहने की अवधि को आधा कर देती है और 18 घंटों तक जीवित रह सकने वाले इस वायरस को चंद मिनटों में खत्म कर सकती है. ब्रायन ने कहा कि हम जानते हैं कि गर्मी जैसी स्थितियां ऐसा वातावरण बनाएंगी जहां संक्रमण का प्रसार घट सकता है. और यह हमारे लिए आगे बढऩे का मौका होगा. ब्रायन ने कहा कि जब वायरस धूप के संपर्क में आता है और तापमान 75 डिग्री तथा नमी का स्तर 80 डिग्री से ऊपर रहता है तो यह मिनटों में मर सकता है.
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