नई दिल्ली. कोरोना वायरस संकट और लॉकडाउन के बीच शनिवार 16 मई को पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी दिल्ली की सड़कों पर निकले और घर-गांव की ओर पलायन कर रहे प्रवासी मजदूरों से मिले. दक्षिणी दिल्ली के आश्रम इलाके में सुखदेव विहार फ्लाइओवर के पास वह जब पहुंचे, तो उन्हों वहां कई मजदूर मिले. राहुल ने इस दौरान उनका हाल-चाल लिया और दिक्कतें सुनीं.
प्रवासी मजदूरों से राहुल की इसी मुलाकात पर कांग्रेस के ट्विटर हैंडल से कहा गया- जनता का दर्द केवल वे ही समझ सकते हैं, जो उनकी चिंता करते हैं. आज राहुल गांधी प्रवासी मजदूरों से दिल्ली में मिले. इसी बीच, कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि राहुल ने जिन मजदूरों से भेंट की, उन्हें बाद में पुलिस ने हिरासत में ले लिया. दिल्ली कांग्रेस से जुड़े अनिल चौधरी ने दावा किया कि हमें पता लगा कि मजदूरों को हिरासत में ले लिया या है. राहुल आए और उनसे मिले.
हमने पुलिस से बात की, जिसके बाद दो लोगों को एक साथ जाने की अनुमति दी गई. हमारे वॉलंटियर्स प्रवासी मजदूरों को अब घर छोडऩे जा रहे हैं. हम दो-दो लोगों को साथ भिजवा रहे हैं.
पुलिस सूत्रों के हवाले से बताया कि उन मजदूरों को पकड़े जाने की बात गलत है. वे अभी भी वहीं हैं. कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने उन्हें वाहन मुहैया कराने की बात कही थीं, पर नियमों के मुताबिक उन्हें एक साथ नहीं जाने दिया जा सकता है. ऐसा इसलिए, क्योंकि वे बड़े समूह में हैं. हरियाणा से झांसी जा रहे मोनू नाम के मजदूर ने कहा, राहुल गांधी फ्लाईओवर के पास जा रहे मजदूरों से मिले.
उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने बाद में मजदूरों को गांव-घर ले जाने के लिए गाड़ी का बंदोबस्त भी किया. वहीं, देवेंद्र नामक प्रवासी ने कहा- राहुल हमसे आधा घंटे पहले मिले थे. उन्होंने हमारे लिए गाड़ी बुक कराई और हमें उससे घर छुड़वाने के लिए कहा. उन्होंने हमें खाना, पानी और मास्क वगैरह भी दिलाया.
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