नई दिल्ली. लद्दाख में भारतीय और चीन के बीच तनाव कम नहीं हो रहा है. देश की तीनों सेनाएं तनाव के बीच हाई अलर्ट पर हैं. केंद्र सरकार ने युद्ध की तैयारियों के मद्देनजर तीनों सेनाओं के लिए 500 करोड़ का इमरजेंसी फंड जारी किया है.
सेना इस इमरजेंसी फंड से कोई भी हथियार जरूरत पडऩे पर खरीद लेगी. सीमा पर तनातनी के बीच नरेंद्र मोदी सरकार ने आपातकालीन स्थिति में निपटने के लिए सेना के लिए फंड जारी किया है. सेना को मिली यह बड़ी आर्थिक मदद है. चीन के साथ सीमा पर किसी भी तरह की स्थिति पैदा हो सकती है. भारतीय वायुसेना के हेलीकॉप्टर भी एलएसी पर मंडरा चुके हैं. ऐसे में तीनों सेनाएं हाई अलर्ट पर हैं.
केंद्र सरकार से जुड़े सूत्रों ने कहा कि तीनों सेनाओं को आर्थिक शक्तियां केंद्र सरकार ने दी हैं. इमरजेंसी रिक्वायरमेंट प्रोसीजर के तहत सेनाएं हथियार खरीद सकेंगी. अब इस राशि से किसी भी तरह के नए हथियार खरीदे जा सकते हैं. इस प्रोजेक्ट के तहत सुरक्षाबल, डिपार्टमेंट ऑफ मिलिट्री अफेयर्स की सहमति के साथ जरूरी समझने पर किसी भी तरह के हथियार खरीद सकेंगे. सेनाएं जिन हथियारों की कमी से जूझ रही हैं उन्हें भी खरीदने की इजाजत मिल सकेगी. वे खरीदारी के लिए सूची खरीद सकेंगे. तीनों सेनाएं पहले ही हथियारों और उपकरणों की एक सूची तैयार कर चुकी हैं. अगर जरूरत पड़ी तो उन्हें जल्द ही खरीद लिया जाएगा. उरी अटैक के बाद बीते चार वर्षों में रक्षा बलों ने कई पुर्जों और मिसाइलों का स्टॉक किया था, जो उस वक्त भारत के पास बेहद कम थे.
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