लंदन. चीन के राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के जवाब में ब्रिटेन ने हॉन्ग कॉन्ग के नागरिकों को यूके की नागरिकता देने का फैसला किया है. यूके के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने हॉन्ग कॉन्ग में इस कानून के लागू होने के दिन यानी बुधवार को संसद में कहा कि हम अपने पुराने साथी के साथ नियमों और दायित्वों के लिए खड़े हैं. इस कानून के तहत 30 लाख हॉन्ग कॉन्ग निवासियों को ब्रिटेन में बसने का अवसर दिया जाएगा.
जॉनसन ने कहा कि नए सुरक्षा कानून के जरिए हॉन्ग कॉन्ग की स्वतंत्रता का उल्लंघन किया जा रहा है. इससे प्रभावित लोगों को हम ब्रिटिश नेशनल ओवरसीज स्टेटस के जरिए ब्रिटिश नागरिकता देंगे. बता दें कि हॉन्ग कॉन्ग के लगभग 3 लाख 50 हजार लोगों को पहले ही ब्रिटिश नागरिकता प्राप्त है. जबकि, 26 लाख अन्य लोग भी इस कानून के तहत नागरिकता पाने के हकदार हैं.
ब्रिटेन ने ब्रिटिश नेशनल ओवरसीज पासपोर्ट धारकों को 1980 के दशक में विशेष दर्जा दिया था. लेकिन अभी उनके अधिकार सीमित हैं. ये लोग ब्रिटेन में 6 महीने तक बिना वीजा के आ सकते हैं. सरकार की योजनाओं के तहत सभी ब्रिटिश प्रवासी नागरिकों और उनके आश्रितों को यूके में रहने का अधिकार दिया जाएगा. इसमें उनके काम करने और पढ़ाई करने का अधिकार भी शामिल है.
1942 में हुए प्रथम अफीम युद्ध में चीन को हराकर ब्रिटिश सेना ने पहली बार हॉन्ग कॉन्ग पर कब्जा जमा लिया था. बाद में हुए दूसरे अफीम युद्ध में चीन को ब्रिटेन के हाथों और हार का सामना करना पड़ा. इस क्षेत्र में अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए 1898 में ब्रिटेन ने चीन से कुछ अतिरिक्त इलाकों को 99 साल की लीज पर लिया था. ब्रिटिश शासन में हॉन्ग कॉन्ग ने तेजी से प्रगति की.
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