नई दिल्ली. सरहद पर चीन से गतिरोध और कोरोना वायरस संकट के बीच संसद के मानसून सत्र की तैयारियां शुरू होने लगी हैं. तय माना जा रहा है कि संसद का मानसून सत्र जल्द ही आयोजित किया जाएगा. सूत्रों ने बताया कि संसद के दोनों सदनों के महासचिवों को आगामी मानसून सत्र के लिए जरूरी बंदोबस्त करने को कहा गया है जिसमें सदस्य सामाजिक दूरी के नियमों का पालन करते हुए प्रत्यक्ष रूप से भाग ले सकते हैं, लेकिन अभी तक मानसून सत्र की तारीख अभी तय नहीं हुई है.
हालांकि संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी का कहना है कि हर हाल में मानसून सत्र आयोजित किया जाएगा. सरकार सभी औपचारिकताएं पूरी करेगी और सभी सावधानी बरतेगी. वहीं लोकसभा और राज्यसभा के शीर्ष अधिकारियों को सूचित कर दिया गया है कि दोनों सदनों की बैठक उनके संबंधित चैंबरों से ही संचालित होने की संभावना है.
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने शनिवार को कोविड-19 महामारी के मद्देनजर सत्र आयोजित करने के संबंध में विचार-विमर्श किया. सूत्रों ने बताया कि इस तरह के विकल्पों पर विचार किया जा रहा है कि दोनों सदनों की बैठक एक साथ चल सके और अलग-अलग दिन नहीं, जैसा कि मीडिया के एक वर्ग में दावा किया जा रहा था.
सूत्रों के अनुसार सांसदों की बैठक व्यवस्था संसद परिसर में विभिन्न स्थानों पर की जाएगी. उन्होंने कहा कि सांसदों के बैठने के लिए विभिन्न विकल्पों पर विचार चल रहा है, जिनमें दोनों सदनों की लॉबियों और गैलरियों में, सेंट्रल हॉल में और पुस्तकालय भवन के बालयोगी सभागार में बैठक व्यवस्था की जा सकती है. मॉनसून सत्र की तारीख अभी तय नहीं हुई है. एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा कि सत्र निश्चित रूप से 22 सितंबर से पहले शुरू होगा, क्योंकि संसद के दो सत्रों के बीच छह महीने से अधिक का समय अंतराल नहीं हो सकता. संसद का बजट सत्र 23 माचज़र्् को अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया गया था.
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