नई दिल्ली. देश में तेजी से फैल रहा कोरोना वायरस दिन-ब-दिन और संक्रामक एवं खतरनाक होता जा रहा है. कोरोना वायरस ने अपना स्वभाव भी बदल लिया है. अब ये वायरस किसी मरीज के सिर्फ फेफड़ों पर ही अटैक नहीं करता, बल्कि ये ब्रेन, किडनी और हार्ट को भी बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचा रहा है. इस बात का खुलासा एम्स के डायरेक्टर डॉ रणदीप गुलेरिया ने किया है.

कोरोना क्लीनिकल रिसर्च टास्क फोर्स के प्रमुख डॉ गुलेरिया ने इस वायरस के बदलते रूप को लेकर अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत करते हुए कहा कि ये अब सिस्टेमिक डिजीज बन गया है. मेडिकल साइंस की भाषा उस बीमारी को सिस्टेमिक डिजीज कहा जाता है, जो एक साथ शरीर के कई अंगों पर हमला करता हो. उन्होंने कहा कि कोरोना से ठीक होने के बाद भी कई मरीजों को फेफड़ों में काफी दिक्कते आती है. हालत ये है कि कई महीनों के बाद भी ऐसे मरीजों को घर पर ऑक्सीजन की जरूरत पड़ती है.
डॉ गुलेरिया ने बताया कि अब ये वायरस बेहद खतरनाक हो गया है. उन्होंने कहा कि पहले हमने सोचा था कि ये सिर्फ एक निमोनिया की तरह है. बाद में हमने देखा कि मरीजों के खून जम रहे हैं. इसकी वजह से फेफड़े और हार्ट बंद होने लगे और लोगों की मौत होने लगी. अब हम देख रहे हैं कि ये मस्तिष्क पर भी हमला कर रहा है. इसके अलावा लोगों को न्यूरोलॉजिकल परेशानियां हो रही है. शुरुआत में हमने सोचा कि ये सब एक बड़ा मुद्दा नहीं है. लेकिन अब ये एक गंभीर समस्या बन गई है.
Disha News India Hindi News Portal