नई दिल्ली. बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड ने सूचीबद्ध कंपनियों के लिए डिजिटल हस्ताक्षर प्रमाणपत्र का प्रयोग करने की सुविधा शुक्रवार को 31 दिसंबर तक बढ़ा दी. कंपनियां शेयर बाजार को सार्वजनिक सूचनाएं जमा करने के लिए इसका उपयोग करती हैं. इससे पहले 30 जून तक ही इस सुविधा के उपयोग की अनुमति थी.
भारतीय कंपनी सचिव संस्थान की ओर से कोविड-19 संकट के चलते एहतियात के तौर पर डिजिटल हस्ताक्षर प्रमाणपत्र के प्रयोग की अवधि को बढ़ाने की मांग पर सेबी ने यह फैसला किया है. महामारी की वजह से कंपनी सचिवों को व्यक्तिगत तौर पर जाकर दस्तावेजों के प्रमाणन और मान्य कराने में परिचालन संबंधी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
सेबी ने अपने परिपत्र में कहा कि सूचीबद्धता और सूचनाओं को सार्वजनिक करने से जुड़े नियम एलओडीआर के तहत शेयर बाजारों को सौंपी जाने वाली सूचनाओं पर 31 दिसंबर तक डिजिटल हस्ताक्षर करना संभव होगा. यह नयी समय सीमा एक जुलाई से मान्य है.
बताया जा रहा है कि सेबी अब रिटेल निवेशकों के लिए डायरेक्ट मार्केट एक्सेस सिस्टम शुरू करने की तैयारी में है. फिलहाल कोई भी रिटेल निवेशक शेयरों की खरीद-बिक्री सीधे एक्सचेंज से नहीं कर सकता है. एक्सचेंज के बजाए ब्रोकर्स के जरिए लेन-देन करते हैं.
नए सिस्टम के तहत रिटेल निवेश सीधे स्टॉक एक्सचेंज से शेयर खरीद सकेंगे और स्टॉक एक्सचेंज पर शेयर बेच सकेंगे. यानी बीच में ब्रोकर्स की भूमिक खत्म हो जाएगी. फिलहाल डायरेक्ट मार्केट एक्सेस सिस्टम को सेबी ने इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स के लिए शुरू किया था. अब इसे रिटेल इन्वेस्टर्स के लिए भी खोले जाने का प्रस्ताव है. इस पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है और माना जा रहा है कि बहुत जल्द इसका औपचारिक ऐलान भी किया जा सकता है.
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