नई दिल्ली. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने वर्चुअल इंडिया एट 75 शिखर सम्मेलन में ग्लोबलाइजेशन और आतंकवाद को लेकर बात की. उन्होंने कहा कि विदेशों में अत्यधिक निर्भरता से कई देश असहज हैं. 21 वीं सदी में ग्लोबलाइजेशन की जरूरत थी लेकिन हम 5 साल या उससे अधिक समय से कह रहे हैं कि देश अपने जीवन को नियंत्रित करना चाहते हैं.
उन्होंने कहा, मैं आपसे ग्लोबलाइजेशन की एक अलग परिभाषा को देखने के लिए कहूंगा, यह वैश्विक मुद्दे हैं, जिनसे कोई बच नहीं सकता है. जलवायु परिवर्तन, महामारी और तेजी से पलायन बड़े और अहम मुद्दे हैं. मुझे लगता है आतंकवाद से कोई बच नहीं सकता है. मेरे लिए वास्तव में ग्लोबलाइजेशन यही है.
विदेश मंत्री ने कहा, आज कई देश और राजनीतिक विचारक पहले की तुलना में बहुत बड़ी स्वायत्तता और राष्ट्रीय क्षमताओं में मेरिट और वैल्यू देखते हैं. इसकी वजह ये है कि ग्लोबलाइजेशन उचित नहीं रहा है. इससे कुछ देशों को अधिक लाभ हुआ है. भारत-चीन संबंध पर एस जयशंकर ने कहा कि चीन दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है. हम एक दिन तीसरे होंगे. हम दोनों देशों के समानांतर लेकिन अंतर के साथ वृद्धि देख रहे हैं, इसलिए इसका जवाब देना आसान सवाल नहीं है.
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