कोलकाता. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को नंदीग्राम में प्रचार के दौरान हादसे में चोट लगी थी, उन पर हमले का कोई सबूत नहीं मिला है. चुनाव आयोग को भेजी गई एक रिपोर्ट में यह कहा गया है. चुनाव आयोग ने विशेष पर्यवेक्षकों विवेक दुबे और अजय नायक से रिपोर्ट मांगी थी. पैर में चोट के बाद ममता बनर्जी ने दावा किया था कि 4-5 लोगों ने उनपर हमला किया और जानबूझकर उन्हें घायल किया.
सूत्रों के हवाले से बताया है कि विशेष पर्यवेक्षकों ने हमले की किसी भी संभावना को खारिज कर दिया है. पर्यवेक्षकों ने चुनाव आयोग को भेजी रिपोर्ट में कहा है कि हमले का कोई सबूत नहीं मिला है. जिस समय ममता को चोट लगी उस समय वह भारी पुलिस सुरक्षा में थीं. आज ही चुनाव आयोग ने पश्चिम बंगाल सरकार की रिपोर्ट को अधूरी बताते हुए मुख्य सचिव अलापन बंदोपाध्याय को रविवार तक विस्तृत रिपोर्ट पेश करने को कहा है.
बुधवार की शाम को हुई इस घटना के बाद चुनाव आयोग ने राज्य सरकार से रिपोर्ट तलब की और राज्य के लिए दो पर्यवेक्षकों की नियुक्ति की थी. स्पेशल पुलिस ऑब्जर्वर विवेक दुबे और स्पेशल ऑब्जर्वर अजय नायक ने शनिवार को घटनास्थल पर जाकर जांच की और फिर रिपोर्ट चुनाव आयोग को भेज दी है. पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से चुनाव आयोग को भेजी गई रिपोर्ट में कहा गया है कि नंदीग्राम में 10 मार्च को ममता बनर्जी को कार के दरवाजे से चोट लगी. हालांकि, इसमें यह नहीं कहा गया है कि कार का दरवाजा उनकी पैर पर कैसे लगा. चुनाव आयोग ने पाया है कि सरकार की रिपोर्ट में यह साफ नहीं किया गया है कि चोट कैसे लगी.
भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस ने ममता बनर्जी की चोट को सहानुभूित पाने के लिए नौटंकी बताया है तो सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस के कई नेता बीजेपी पर आरोप लगा रहे हैं. गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल में 27 मार्च, एक अप्रैल, छह अप्रैल, दस अप्रैल, 17 अप्रैल, 22 अप्रैल, 26 अप्रैल और 29 अप्रैल को अलग-अलग क्षेत्रों में वोट डाले जाएंगे. प्रदेश में कुल 294 विधानसभा सीटें हैं.
Disha News India Hindi News Portal