नई दिल्ली. उत्तरप्रदेश में बढ़ते कोरोना संक्रमण को लेकर कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी ने कहा कि योगी सरकार लोगों की रक्षा करने और सहयोग देने की भूमिका पहले ही छोड़ चुकी थी और अब तो वह आक्रांता की भूमिका में आ गई है. पार्टी की उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका ने यह भी कहा कि कोविड-19 संकट से निपटने में भाजपा सरकार की तरफ से एक फिर से लोगों के प्रति अहंकारी, अधिनयाकवादी और अमानवीय रवैया देखने को मिला.
प्रियंका ने आगे कहा कहा कि बुनियादी मुद्दा यह है कि राज्य सरकार जनता की रक्षा करने, सुविधा देने और सहयोग देने का काम बहुत पहले बंद कर चुकी है. उन्होंने आरोप लगाया राज्य सरकार लगातार ने आक्रांता की भूमिका अख्तियार कर रखी है. कोविड महामारी से वह जिस तरह निपट रही है उससे उत्तर प्रदेश के लोगों के प्रति एक बार फिर से उसका अहंकारी, अधिनयाकवादी और अमानवीय रवैया दिखा है. प्रियंका ने दावा किया कि शासन के स्तर पर सबसे बड़ी विफलता यह रही कि कोई योजना नहीं थी कोई तैयारी नहीं थी और कोई दूरदर्शिता नहीं थी.
उन्होंने कहा दुनिया के कई देशों ने इस महामारी की दूसरी लहर का सामना किया. हमने उनसे क्या सीखा हमने पहली लहर और दूसरी लहर के बीच के समय का कैसे इस्तेमाल किया, उनके मुताबिक उत्तर प्रदेश सरकार के खुद के सीरो सर्वेक्षण के परिणाम से पता चलता है कि पांच करोड़ लोग वायरस के संपर्क में आए और यह इस बात का संकेत था कि दूसरी लहर आ रही है. प्रियंका ने राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार को सलाह दी गई थी कि जांच बड़े पैमाने पर बढ़ायी जाए. क्या हुआ उन्होंने जांच घटा दी. 70 फीसदी जांच एंटीजन की कर दी और खुद के सर्वेक्षण की रिपोर्ट को नजरअंदाज कर दिया.
उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि पूरा संसाधन लोगों का जीवन बचाने पर लगाने की बजाय उप्र सरकार सच्चाई को ढंकने के लिए अब भी अब भी समय और संसाधन बर्बाद कर रही है. उल्लेखनीय है कि कोरोना महामारी को लेकर प्रियंका ने हाल ही में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर कहा था कि मरीजों को भर्ती कराने के लिए मुख्य चिकित्सा अधिकारी से अनुमति लेने की अनिवार्यता खत्म की जाए.
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