उत्तर प्रदेश कांग्रेस का मानना है कि प्रदेश सरकार ने देश में लाॅकडाउन लगने के वजह से किसानों का गेहूँ आसानी से खरीदने के लिए राज्य सरकार द्वारा जो आनलाइन पोर्टल लांच किया गया, अब वही आफीसियल बेबसाइट कीे प्रोसेसिंग ही किसानों के लिए गेहूँ बेंचने में मुसीबत बन गयी है। खाद्य व रसद विभाग द्वारा उत्तर प्रदेश ई-क्रय प्रणाली/ ई-उपार्जन पोर्टल के माध्यम से राज्य के किसानों को अब अपना पंजीकरण प्रोसेस करना होता है, जिसमें इण्टरनेट की उपलब्धता और तकनीकी अनुभव की कमी किसानों के लिए अव्यवहारिक बन चुकी है। जिसके चलते अधिकांश किसान तय समय सीमा के बीच क्रय एजेंसियों को अपना गेहूँ बेंचने में असफल रहे। वर्तमान गेहूँ खरीद की प्रस्तावित क्रय नीति और लाॅकडाउन की वजह से किसानों को अब भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है।
राष्ट्रीय महासचिव और उत्तर प्रदेश प्रभारी श्रीमती प्रियंका गांधी वाड्रा ने मांग किया है कि प्रदेश सरकार गेहूँ खरीद की तिथि को आगे बढ़ाकर अधिकतम खरीद सुनिश्चित करे। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में गेहूँ खरीद की अन्तिम तिथि निकल गयी है, आ रही व्यवहारिक दिक्कतों के कारण प्रदेश के कई किसानों की सरकारी खरीद नहीं हो पाई है। ‘‘अन्तिम किसान तक गेहूँ की खरीद’’ यदि जुमला नहीं था तो गेहूँ खरीद की तिथि सरकार आगे बढ़ाये अन्यथा बारिस में किसानों का गेहूँ बर्बाद होगा।
प्रदेश कांग्रेस का मानना है कि पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराना, फिर नम्बर आने पर मण्डी में जाकर अपना अनाज बेंचना, पंजीकरण में अपनी जमीन के खसरा-खतौनी, बैंक डिटेल, मोबाइल नम्बर आदि के सत्यापन के बाद कई चरणों में प्रोसेस करना अनिवार्य है। ऐसे में उत्तर प्रदेश में गेहूँ खरीद की आॅन लाइन पंजीकरण व्यवस्था आने के बाद दूर-दराज के ग्रामीण अंचलों के किसान आ रही व्यवहारिक दिक्कतों के कारण ई-क्रय केन्द्रों से अपनी फसल को बेंचने में असफल हो गये और तय समय सीमा निकल चुकी है। अब सरकार को गेहूँ खरीद की समय सीमा को बढ़ाकर अन्तिम किसान को भी लाभ पहुंचाना चाहिए।
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