देश में कोरोना की दूसरी लहर कमजोर हो चुकी है, लेकिन तीसरी लहर का अंदेशा है. इसके लिए सरकार तैयारियों में जुटी है. सरकार खासतौर पर हिल स्टेशंस और बाजारों में उमड़ रही भीड़ को लेकर खासी चिंतित है. इसी को लेकर अब हेल्थ मिनिस्ट्री ने ट्रैवलिंग को लेकर नई गाइडलाइन जारी की है. इसमें कहा गया है कि बिना फुल वैक्सीनेशन के यात्रा से बचने की जरूरत है. हेल्थ मिनिस्ट्री की ओर से जारी इस गाइडलाइन में 7 प्रमुख बातों पर फोकस किया गया है.
ढिलाई की कोई जगह नहीं
सीरो-सर्वे में कोरोना के खिलाफ आशा की किरण दिखी है, लेकिन अभी ढिलाई नहीं दी जा सकती है. 32 परसेंट लोग अब भी कोरोना से सुरक्षित नहीं हैं.
जिलेवार हालात पर बयान नहीं
सरकार ने कहा कि लोकल या जिला स्तर पर हालात अलग हो सकते हैं. सीरो-सर्वे में देश की स्थिति पर ओवरऑल नजर डाली गई है.
स्टेट-लेवल पर एक्शन जरूरी
राज्यों को स्थानीय सीरो-सर्वे जारी रखना चाहिए जिससे यह पता लगाया जा सके कि कोविड के खिलाफ आबादी का परसेंटेज कितना सुरक्षित है.
तीसरी लहर का आना संभव
भविष्य में संक्रमण की लहें आ सकती हैं. कुछ राज्यों में कोरोना के खिलाफ हाई लेवल पर इम्यूनिटी मिली है, जबकि कहीं पर यह बहुत नीचे है.
गैर जरूरी यात्रा से बचें
कई राज्यों में ढील से टूरिस्ट स्पॉट और मार्केट में भीड़ उमड़ रही है, जिससे संक्रमण का खतरा बढ़ा है. लोगों को गैर-जरूरी यात्रा से बचने की जरूरत है.
सभाओं से बचें
कई राज्यों ने सभाओं के लिए पाबंदियों में ढील दी है, लेकिन अभी इससे बचने की जरूरत है. उत्तराखंड, यूपी और दिल्ली ने हाल ही में कांवड़ यात्रा रद की है.
वैक्सीनेशन के बाद यात्रा
सरकार ने कहा कि फुल वैक्सीनेशन के बाद ही यात्रा करें. यानी कि वैक्सीन की दोनों डोज तय अंतराल के बाद ले चुके लोग ही यात्रा पर जाएं.
राज्यों ने क्या अपना रखें हैं नियम?
दिल्ली- 5 परसेंट से ज्यादा पॉजिटिविटी रेट वाले राज्यों से आने वालों को वैक्सीन की दोनों डोज का सर्टिफिकेट या आरटी-पीसीआर की निगेटिव रिपोर्ट दिखानी होगी.
महाराष्ट्र- पूरी तरह वैक्सीनेटेड लोग बिना आरटी-पीसीआर के भी राज्य में आ सकते हैं.
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