मुंबई. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के खिलाफ विवादास्पद टिप्पणी के आरोप में गिरफ्तार किए गए केंद्रीय मंत्री नारायण राणे को मंगलवार रात रायगढ़ जिले में महाड की एक अदालत ने जमानत दे दी. इससे पहले भाजपा नेता राणे के वकील अनिकेत निकम ने आरोप लगाया कि पुलिस राणे को गिरफ्तार करने से पहले कानून की उचित प्रक्रिया का पालन करने में विफल रही और वह उनकी गिरफ्तारी का विरोध करेंगे.
केंद्रीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री राणे की टिप्पणी को लेकर महाराष्ट्र में उनके खिलाफ चार प्राथमिकी दर्ज की गई हैं. उन्हें रत्नागिरि पुलिस ने मंगलवार को दोपहर बाद गिरफ्तार किया था और फिर उन्हें महाड ले जाया गया. महाड में उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 189 (लोकसेवक को नुकसान पहुंचाने की धमकी देने) और धारा 504 (शांति भंग करने के लिए जानबूझकर अपमान करना) तथा धारा 505 (सार्वजनिक तौर पर शरारत से संबंधित बयान) के तहत मामला दर्ज किया गया.
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को अपशब्द कहने के मामले में केंद्रीय मंत्री नारायण राणे को मंगलवार दोपहर गिरफ्तार कर लिया गया था. दिन भर चले इस सियासी नाटक का अंत आधी रात को हुआ. जब महाड कोर्ट ने राणे के लिए राहत की खबर सुनाई और उनकी जमानत याचिका मंजूर कर ली. 15 हजार के निजी मुचलके पर उन्हें जमानत दी गई. जमानत देते हुए महाड कोर्ट ने कुछ शर्तें भी रखीं. कोर्ट ने कहा कि इस बीच नारायण राणे का ऑडियो सैंपल लिया जाएगा. लेकिन वॉयस सैंपल लेना हो तो राणे को 7 दिनों पहले नोटिस दी जाएगी. यह शर्त भी रखी गई है नारायण राणे दो दिन (30 अगस्त और13 सितंबर) रायगढ़ अपराध शाखा में जाकर हाजिरी देनी होगी. राणे को यह चेतावनी देते हुए जमानत दी गई कि भविष्य में वे ऐसी गलती नहीं दोहराएंगे. इससे पहले 7 दिनों की पुलिस कस्टडी की मांग भी कोर्ट ने ठुकरा दी और राणे को राहत देते हुए जमानत मंजूर कर ली. जमानत मंजूर होने के बाद नारायण राणे महाड से अपने मुंबई के जुहू स्थित आवास के लिए निकल गए.
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