प्रयागराज. बलवीर पुरी प्रयागराज की बाघंबरी गद्दी मठ के नए महंत बन गए हैं. पूरे देश से आए पंच परमेश्वर और कई अखाड़ों के महामंडलेश्वरों ने उन्हें चादर ओढ़ाई और तिलक कर आशीर्वाद दिया. महंत बलवीर को बाघंबरी गद्दी के साथ ही लेटे हनुमान मंदिर की जिम्मेदारी भी मिल गई है. चादर विधि संपन्न होने के बाद बलवीर पुरी सबसे पहले अपने गुरु नरेंद्र गिरि की समाधि पर गए और उनका आशीर्वाद लिया.
बलवीर पुरी के महंत बनने के बाद बाघंबरी गद्दी मठ में महंत नरेंद्र गिरि की षोडशी का कार्यक्रम शुरू हुआ. इसकी शुरुआत महंत बलवीर ने 16 संन्यासियों को दान-दक्षिणा और भोजन करवाकर की.
गुरु की मौत का सच जल्द सामने आएगा- बलवीर पुरी
बलवीर पुरी चादर विधि के बाद पहली बार मीडिया से मुखातिब हुए. उन्होंने कहा कि गुरु नरेंद्र गिरि के पदचिन्हों पर चलते हुए मठ को आगे ले जाना उनकी पहली प्राथमिकता होगी. मठ में सभी को सम्मान मिले, इसका प्रयास होगा. नरेंद्र गिरि की मौत के मामले में उन्होंने कहा कि देश की बड़ी एजेंसी जांच कर रही है. उनकी मौत से हम सभी बहुत दुखी हैं. उम्मीद है कि जांच एजेंसी जल्द ही सच का पता लगाएगी.
निरंजनी अखाड़े ने जारी किया बयान
बलवीर के महंत बनने के बाद निरंजनी अखाड़े के सचिव रवींद्र पुरी ने कहा कि महंत नरेंद्र गिरि की मौत को ज्यादा तूल न दिया जाए. अभी तक की जांच में यह साबित हो गया है कि नरेंद्र गिरि ने आत्महत्या की है. अब नए महंत बलवीर पुरी महाराज हैं तो उन्हें अपना समर्थन और आशीर्वाद दें. उन्होंने कहा कि आज से यह मठ बलवीर पुरी के हवाले है. मुझे उम्मीद है कि वे मठ की गरिमा और वैभव को बनाए रखेंगे.
बलवीर पुरी से हुए गिरि
बलवीर शुरू से ही अपने नाम में पुरी लगाते आ रहे थे. लेकिन अब श्री बाघंबरी गद्दी के नए महंत बनने के बाद उनके नाम के साथ गिरि जुड़ गया है. दरअसल, श्री बाघंबरी गद्दी मठ की स्थापना 1982 में श्री निरंजनी अखाड़े के महात्मा बाबा बाल किशन गिरि ने की थी. यह गिरि नागा संन्यासी की गद्दी मानी जाती है. इसी वजह से अब महंत बनने के बाद बलवीर के नाम में गिरि टाइटल जुड़ गया है.
पंच परमेश्वर की बैठक में तय हुआ था नाम
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की इच्छा थी कि उनकी षोडशी के दिन यानी आज बलवीर पुरी को बाघंबरी गद्दी मठ का नया महंत बनाया जाए. इसी वजह से उनकी मौत के ठीक 10 दिन बाद बिल्केश्वर महादेव मंदिर के महंत बलवीर पुरी को बाघंबरी गद्दी का महंत घोषित किया गया. यह घोषणा हरिद्वार में 30 अगस्त को हुई पंच परमेश्वर की बैठक में की गई थी. तय किया गया था कि 5 अक्टूबर को नरेंद्र गिरि की
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