नई दिल्ली. कोरोना के ओमिक्रॉन वैरिएंट को रोकना लगभग असंभव है और आखिरकार यह पूरी दुनिया को संक्रमित कर के ही रहेगा. इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च यानी आईसीएमआर से जुड़े डॉक्टर जयप्रकाश मुलिईल ने बताया है कि ओमिक्रॉन वैरिएंट को फैलने से कोरोना वैक्सीन की बूस्टर डोज भी नहीं रोक सकती है.
आईसीएमआर के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एपिडेमियोलॉजी की साइंटिफिक एडवाइजरी कमेटी के चेयरपर्सन डॉक्टर जयप्रकाशन ने समाचार चैनल एनडीटीवी से बातचीत के दौरान यह कहा कि अब कोरोना खतरनाक नहीं है क्योंकि इसका नया स्ट्रेन कमजोर है और अस्पताल में भर्ती होने की भी वैसी जरूरत नहीं है. उन्होंने कहा कि अब यह ऐसी बीमारी है जिससे हम निपट सकते हैं. यह डेल्टा की तुलना में काफी माइल्ड है और इसे रोकना व्यावहारिक तौर पर असंभव है
डॉक्टर जयप्रकाश ने कहा कि इस संक्रमण से शरीर में आने वाली इम्यूनिटी जीवन भर रहेगी और यही वजह है कि बाकी देशों की तरह भारत इससे बुरी तरह प्रभावित नहीं हुआ है. उन्होंने कहा कि जब वैक्सीन आई भी नहीं थी, तभी भारत की 85 फीसदी आबादी संक्रमित हो चुकी थी और इसलिए वैक्सीन की पहली खुराक ही बूस्टर डोज थी.
डॉक्टर जयप्रकाश ने यह भी कहा कि वैक्सीन की बूस्टर खुराक महामारी की प्राकृतिक प्रगति को नहीं रोक सकती है. एसिम्टोमैटिक मरीजों के निकट संपर्क में आने वालों की जांच को गैर जरूरी बताते हुए डॉक्टर जयप्रकाश कहते हैं कि वायरस सिर्फ दो दिनों में ही दोगुना संक्रमण फैला रहा है. ऐसे में यदि किसी शख्स की जांच में वह संक्रमित पाया भी जाता है तो रिपोर्ट आने तक वह कई लोगों को संक्रमण फैला चुका होगा
उन्होंने कहा कि हम में से अधिकांश लोगों को यह नहीं पता कि हम संक्रमित हो चुके हैं. डॉक्टर के मुताबिक, संभवतः 80 फीसदी से ज्यादा लोगों को तो यह पता ही नहीं है कि वे कोरोना संक्रमित हैं.
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