नई दिल्ली. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से आम लोगों को वाजिब और सुलभ रूप में आवश्यक दवाओं को उपलब्ध कराने पर लगातार बल दिया जा रहा है. स्वास्थ्य मंत्रालय ने अब आवश्यक दवाओं की नई राष्ट्रीय सूची जारी की है, जिसमें 384 मेडिसिन को शामिल किया गया. इससे संबंधित लिस्ट केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया की ओर से जारी की गई है.
जानकारी के मुताबिक स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया की ओर से जो 384 दवाओं की सूची जारी की है उसमें 34 नई दवाओं को आवश्यक दवाओं की लिस्ट में शामिल किया गया है. वहीं केंद्र सरकार ने निवर्तमान दवाओं की लिस्ट से 26 दवाओं को हटाने का काम भी किया है. अहम बात यह है कि केंद्र सरकार की ओर से इससे पहले 2015 में आवश्यक दवाओं की राष्ट्रीय सूची जारी की गई थी.
बताते चलें कि स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से समय-समय पर आवश्यक दवाओं की राष्ट्रीय सूची में संशोधन और बदलाव करने का काम किया जाता रहा है. वर्तमान परिप्रेक्ष्य को ध्यान में रखते हुए गहन चर्चा और विचार विमर्श के बाद ही दवाओं की सूची में से पुरानी को हटाकर नई दवाओं को शामिल किया जाता है.
इस मामले पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया का कहना है कि 2015 के बाद अब 2022 में आवश्यक दवाओं की राष्ट्रीय सूची में बदलाव किया गया है. इस प्रक्रिया में कई चरण शामिल हैं. इस सभी के बाद ही अंतिम फैसला लिया जाता है. उन्होंने बताया कि एक एक्सपर्ट कमेटी की लंबी चर्चा और मंथन के बाद ही लिस्ट को तैयार किया गया है. इसमें सुरक्षा, उपलब्धता और कम कीमत में लोगों तक दवा को मुहैया करवाया जाए, इस पर विशेष बल दिया गया है.
मंत्री मंडाविया ने कहा कि इस सूची को जारी करने के पीछे का मकसद आम लोगों तक मेडिसिन सस्ती, सुलभ और आसान उपलब्ध कराना है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कहा है कि आम लोगों तक सस्ती मेडिसिन उपलब्ध हो. इसको ध्यान में रखते हुए ही जन औषधि में सस्ती मेडिसिन उपलब्ध कराई जा रही है.
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