लखनऊ। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर व्यक्तिगत आक्षेप किये जाने के मामले को बेहद गंभीरता से लेते हुए बसपा सुप्रीमों मायावती ने जिस तरह से अपनी पार्टी के एक नेता को बाहर का रास्ता दिखाया है वो एक तरह से उन तमाम दलों और उनके नेताओं के लिए भी एक तरह से संदेश और नसीहत है जो अक्सर अपनी मर्यादा को भूलकर न सिर्फ व्यक्तिगत आक्षेप लगाते हैं बल्कि बेहद ही नीचता और ओछी बातों पर उतर जाते हैं। हालांकि इस कारवाई के लिए उन्होंने बखूबी एक दल का हवाला देते हुए कहा कि वो बसपा को उसकी तरह नही बनने दे सकती हैं।
गौरतलब है कि बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को व्यक्तिगत तौर पर आक्षेप करते हुए उन्हें ‘गब्बर सिंह कहने तथा राहुल गांधी को विदेशी मां की औलाद बताने वाले जयप्रकाश सिंह को पार्टी से बाहर कर दिया है। इसके साथ ही यह साफ कर दिया है कि पार्टी में परिवारवाद, जातिवाद के साथ व्यक्तिगत स्वार्थ, व्यक्तिगत लांछन व छींटाकशी करने वालों के लिए कोई जगह नहीं है। साथ ही बसपा सुप्रीमों मायावती का कहना भी बाबिले गौर है कि बसपा को सत्ताधारी पार्टी भाजपा कतई नहीं बनने देना है, जो सत्ता के लालच व अहंकार में आकर मर्यादाओं की हर सीमा को लांघने में लगी हुई है।
ज्ञात हो कि मायावती ने हाल ही में जयप्रकाश सिंह को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के खिलाफ दिए बयान के चलते उन्हें पार्टी के राष्ट्रीय कॉर्डिनेटर पद से हटा दिया था। जयप्रकाश सिंह ने बयान दिया था कि राहुल गांधी कभी भी देश के प्रधानमंत्री नहीं बन सकते हैं क्योंकि उनकी मां विदेश मूल की हैं। जिसके बाद मायावती ने कहा था, ‘मुझे बीएसपी के राष्ट्रीय कॉर्डिनेटर जयप्रकाश सिंह के भाषण के बारे में पता चला है जो बीएसपी की विचारधारा के खिलाफ है। साथ ही, उन्होंने विरोधी पार्टी नेतृत्व के खिलाफ व्यक्तिगत टिप्पणी की है। क्योंकि यह उनकी व्यक्तिगत राय है, उन्हें पार्टी के पद से फौरन प्रभाव से हटाया जा रहा है।’
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