लखनऊ। बेहद ही अफसोसनाक है कि उत्तर प्रदेश की पुलिस की कार्यप्रणाली जहां खुद तो सवालों के घेरे में आती जा रही है वहीं सरकार की भी बखूबी किरकिरी करा रही है। इसकी बानगी है कि जब एक गैंगरेप जैसे गंभीर मामले में वो तब जागती है जब पीड़िता मजबूर होकर मौत की नींद सो जाती है।
गौरतलब है कि प्रदेश के जनपद बदायूं में एक गैंगरेप पीड़िता ने दंबगों से परेशान होकर आत्महत्या कर ली है। इस मामले में एसएसपी का कहना कि मामले की जांच की जा रही है और मुख्य आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है।
बताया जाता है कि थाना मूसाझाग क्षेत्र के एक गांव में एक नाबलिग लड़की अपने घर पर थी कि अचानक गांव के ही तीन दबंग युवक घर में घुस आए और लड़की के मुंह में कपड़ा ठूसकर तमंचे की नोक पर उसे घर से अगवा करके लग गए। तीनों युवक लड़की को गांव के ही प्राथमिक विद्यालय में ले गए।
जहां पर तीनों युवकों ने नाबलिग लड़की से दुष्कर्म किया। किसी तरह लड़की जब उनके चंगुल से छूटी तो वह अपने घर पहुंची और आप बीती बताई। परिजन जब लडकी को थाने लेकर पहुंचे तो पुलिस ने पहले तो मामला दबाने का प्रयास किया लेकिन बाद में मुकदमा दर्ज कर लड़की को मेडीकल परीक्षण के लिए भेज दिया।
ज्ञात हो कि मेडिकल परीक्षण के बाद पीड़िता ने अपने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है। मृत लड़की के परिजनों का कहना है कि लड़की ने दबंगों से परेशान होकर आत्महत्या की है। पुलिस शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजने की तैयारी कर रही है।
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