लखनऊ। अयोध्या में विवादित स्थल पर राम मंदिर निमार्ण के मसले में संतों और हिन्दू संगठनों से एकजुटता का परिचय देने की अपील करते हुए पुरी के शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद ने गुरूवार को कहा कि सत्ता लोलपुता, दूरदर्शिता की चपेट से भाजपा समेत कोई भी राजनीतिक दल विमुक्त नहीं है। सैद्धांतिक धरातल में भारत आज भी परतंत्र है। देश को राजनैतिक क्षेत्र में आमूलचूल परिवर्तन की जरूरत है। साथ ही मंदिर मामले में कहा कि मंदिर के आसपास कोई भी मस्जिद संत समाज को स्वीकार्य नहीं होगी।
गौरतलब है कि स्वामी निश्चलानंद ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात करने के बाद पत्रकारों से बातचीत में कहा कि सीएम ने उनको आश्वासन दिया है कि मंदिर निमार्ण को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार का रवैया संत समाज के पक्ष में है हालांकि यह संवेदनशील मसला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है। न्यायपालिका की गरिमा और संविधान की मयार्दा बरकरार रखने के लिए सरकार कृतसंकल्पित है। सरकार इस मामले में न्यायालय के निर्णय का इंतजार करेगी।
वहीं इस दौरान सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि इस मामले का शीघ्र और अनुकूल निर्णय मिलने की संभावना क्षीण है। सरकार ने न्यायालय की सुविधा के लिए दस हजार पृष्ठों की सामग्री का अंग्रेजी अनुवाद करके उपलब्ध कराया है। अटल बिहारी वाजपेयी सरकार के समय पुरातत्व विभाग द्वारा विवादित स्थल के आसपास कराये गए खनन में भी मंदिर के अवशेष मिले थे। इस लिए देर से ही सही मगर अदालत के फैसले से संत और हिन्दू समाज निराश नहीं होगा।
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