लखनऊ। एक कहावत है कि होनहार बिरवान के होत चिकने पात! काफी हद तक ये कहावत मौजूदा हालात में सपा के कद्दावर नेता आजम खान के साहबजादे अब्दुल्ला आजम पर बखूबी लागू होती है। दरअसल हाल ही में जहां लगातार विवादित बयान दिए जाने के चलते चुनाव आयोग द्वारा आजम खान के 72 घण्टे के लिए प्रचार किये जाने पर पाबंदी लगा दी गई है। ऐसे में अब्दुल्ला आजम ने जो बयान दिया है वो न सिर्फ बेहद अजीब है बल्कि मानसिकता के हिसाब से बेहद गरीब भी कहा जा सकता है।
गौरतलब है कि समाजवादी
पार्टी के कद्दावर नेता
आजम खान के
बेटे अब्दुल्ला ने
अपने पिता का
बचाव करते हुए बड़ा
बयान दिया है।
अब्दुल्ला खान ने
चुनाव आयोग पर
एकतरफा कार्रवाई करने
के गंभीर आरोप
लगाए हैं। प्रेस कॉन्फ्रेंस में
अब्दुल्ला ने कहा
कि आजम पर
मुस्लिम होने की
वजह से बैन
लगाया गया है।
उन्होंने कहा कि
आयोग ने उनपर
चुनाव प्रचार से
केवल इसलिए रोक
लगाई है, क्योंकि वह
मुस्लिम हैं।
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि प्रतिबंध लगाने
से पहले कोई
नोटिस नहीं दिया
गया था, सही
प्रक्रिया का पालन
नहीं किया गया।
साथ ही उन्होंने कहा
कि बैन लगाने
से आजम की
तहरीक (आंदोलन ) कमजोर
नहीं होगी, बल्कि
और मजबूत होगी। उन्होंने कहा
कि हम सब
आजम खान हैं,
आजम 40 साल से
रामपुर की सेवा
कर रहे हैं।
उन्होंने अपने भाषण
में किसी का
नाम नहीं लिया
था इसलिए चुनाव
आयोग की कार्रवाई अनुचित
है।
इतना ही नही बल्कि उन्होंने ये तक कह दिया कि आयोग ने उनके पिता को सफाई देने का मौका तक नहीं दिया। यह कार्रवाई पीएम मोदी को खुश करने के लिए की गई है। ज्ञात हो कि आजम खान ने जया प्रदा पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी, जिसके बाद आयोग ने तीन दिनों के लिए प्रचार पर रोक लगा दी। आपको बता दें कि अब्दुल्ला रामपुर की स्वार सीट से समाजवादी पार्टी के विधायक हैं।
Disha News India Hindi News Portal